बिहार के पूर्णिया जिले के रिफ्यूजी कॉलोनी में मातम पसरा है, जहां एक युवक शिवम डे ने आत्महत्या कर ली। वह शारदा यूनिवर्सिटी, ग्रेटर नोएडा में बीटेक का छात्र था। 15 अगस्त को उसने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगा ली। शिवम की प्रारंभिक शिक्षा पूर्णिया में हुई थी और वह पढ़ाई में तेज था। उसके पिता एक निजी सेल्समैन थे और उन्होंने बेटे की शिक्षा के लिए संघर्ष किया।
परिवार के अनुसार, शिवम घर का इकलौता बेटा था। हैरान करने वाली बात यह है कि वह दो साल से कॉलेज नहीं जा रहा था, जिसकी जानकारी परिजनों को नहीं थी। पिता का कहना है कि कॉलेज प्रशासन ने सूचित नहीं किया। परिवार ने कॉलेज प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है और पुलिस पर मिलीभगत का भी आरोप लगाया है।
शिवम कुछ दिन पहले ही घर आया था और खुश दिख रहा था। इस घटना ने परिवार और पूरे मोहल्ले को सदमे में डाल दिया है। पिता का कहना है कि उन्होंने बेटे को इंजीनियर बनाने का सपना देखा था।
आज, पूर्णिया के रिफ्यूजी कॉलोनी में हर कोई यही सवाल पूछ रहा है: क्यों कॉलेज ने समय पर सूचना नहीं दी? क्यों छात्र की गैरहाजिरी को नजरअंदाज किया गया?