बीजू जनता दल (बीजेडी) ने केंद्र सरकार पर केंदू पत्तों और हथकरघा उत्पादों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से पूरी छूट न देने को लेकर निशाना साधा है। ओडिशा में बीजेडी और विभिन्न जन संगठनों ने लंबे समय से इन दोनों क्षेत्रों के लिए जीएसटी से पूरी छूट की मांग की है। बीजेडी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष देबी प्रसाद मिश्रा और पूर्व वित्त मंत्री निरंजन पुजारी ने एक प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि पार्टी 2018 से केंदू पत्तों पर पूरी जीएसटी छूट की मांग कर रही है।
उन्होंने बताया कि तत्कालीन मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया था। नए जीएसटी स्लैब के तहत, केंदू पत्तों पर कर की दर 18% से घटाकर 5% कर दी गई है, लेकिन इससे केंदू पत्ता तोड़ने वालों को कोई खास फायदा नहीं होगा।
विधायक निरंजन पुजारी ने कहा कि बुनकरों के हितों को ध्यान में रखते हुए हथकरघा क्षेत्र में भी पूर्ण जीएसटी छूट की मांग की गई थी। उन्होंने बताया कि वस्त्र क्षेत्र में पावरलूम और हैंडलूम दोनों हैं। पावरलूम पर उद्योगपतियों का नियंत्रण है, जबकि हैंडलूम उन गरीब बुनकरों का भरण-पोषण करते हैं जो सूती और रेशमी साड़ियाँ और अन्य वस्तुएं बनाते हैं। इन आर्थिक रूप से कमजोर बुनकरों को सपोर्ट करने के लिए जीएसटी से छूट की मांग की गई थी, लेकिन उन पर भी 5% जीएसटी लगाया जा रहा है।