भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में अपने वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह को निलंबित कर दिया है। यह निलंबन शनिवार, 15 नवंबर को घोषित किया गया। आरके सिंह, जो नरेंद्र मोदी सरकार में बिजली मंत्री रह चुके हैं और पूर्व केंद्रीय गृह सचिव भी थे, हाल के दिनों में पार्टी की आंतरिक कार्यप्रणाली को लेकर मुखर थे।

उन्होंने कई राजग नेताओं पर भ्रष्टाचार और गुटबाजी का आरोप लगाया था। साथ ही, उन्होंने चुनावों के दौरान कानून-व्यवस्था के मुद्दों पर चुनाव आयोग के प्रबंधन पर भी खुलकर सवाल उठाए थे। विशेष रूप से, उन्होंने मोकामा में हुई हिंसा को प्रशासन और चुनाव आयोग की विफलता करार दिया था।
सिंह ने बिहार के मतदाताओं से आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को अस्वीकार करने की अपील की थी, जिनमें राजग के भीतर के कुछ नेता भी शामिल थे, जैसे उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और बाहुबली नेता अनंत सिंह। उनके स्पष्टवादी रुख और पार्टी नेताओं के खिलाफ आरोपों ने उन्हें पार्टी से और अलग कर दिया, जिसके परिणामस्वरूप उनका निलंबन हुआ। आरके सिंह का निलंबन राजग की चुनावी सफलता के बाद पार्टी के भीतर बढ़ी अनुशासन की ओर इशारा करता है, लेकिन यह भाजपा के अंदर पनप रहे असंतोष को भी दर्शाता है।
इसी क्रम में, बिहार भाजपा ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) अशोक कुमार अग्रवाल और उनकी पत्नी, कटिहार की मेयर उषा अग्रवाल को भी निलंबित कर दिया है। अशोक अग्रवाल ने विवादास्पद रूप से अपने बेटे सौरभ अग्रवाल को कटिहार से वीआईपी उम्मीदवार के तौर पर खड़ा किया था, जिसे पार्टी के निर्देशों के विपरीत माना गया। दोनों से एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा गया है, जो चुनावों के बाद भाजपा के कड़े अनुशासन और आंतरिक एकजुटता के प्रति सख्त रवैये को दर्शाता है।
आरके सिंह ने मोकामा में चुनाव प्रचार के दौरान जन सुराज समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या के बाद आदर्श आचार संहिता का पालन कराने में चुनाव आयोग की विफलता की कड़ी आलोचना की थी। इस घटना के संबंध में दो पुलिस अधिकारियों को निलंबित भी किया गया है। विपक्षी नेताओं और नागरिक समाज ने भी चुनावों के दौरान बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है, जिससे प्रशासनिक जवाबदेही पर सवाल खड़े हो गए हैं। ये घटनाक्रम बिहार भाजपा में चुनावी उथल-पुथल को उजागर करते हैं, जहां पार्टी सत्ता मजबूत करने के साथ-साथ अनुशासन बनाए रखने के लिए असंतोष पर नकेल कस रही है।






