कर्नाटक के मैसूर में प्रतिष्ठित चामुंडी मंदिर में दशहरा उत्सव का आरम्भ बुकर पुरस्कार विजेता बानू मुश्ताक ने किया। इस उद्घाटन समारोह को लेकर कुछ विरोध भी देखने को मिला, जिसके बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रतिक्रिया दी।
उत्सव की शुरुआत में बानू मुश्ताक ने मंदिर में फूल चढ़ाए और दीप जलाया। उन्होंने अपनी भागीदारी पर उठ रहे विरोधों के जवाब में एकता, समावेशिता और सांस्कृतिक सद्भाव पर जोर दिया। सीएम सिद्धारमैया ने कहा कि बानू मुश्ताक मुस्लिम हो सकती हैं, लेकिन वह एक इंसान हैं और हम सभी एक ही मानवता का हिस्सा हैं।
कार्यक्रम में कुछ लोगों के विरोध पर सीएम ने नाराजगी जताई और उन्हें चुप रहने को कहा। बानू मुश्ताक ने कहा कि उन्हें ऐसा समाज बनाना है जहां नफरत न हो और सभी को समान अवसर मिलें। मैसूर दशहरा उत्सव 500 साल से अधिक पुराना है, जिसे राजा वोडेयार प्रथम ने देवी चामुंडेश्वरी के सम्मान में शुरू किया था। बानू मुश्ताक को उनकी साहित्यिक उपलब्धियों और सामाजिक कार्यों के लिए यह सम्मान दिया गया था।