आदिवासी बच्चों की शिक्षा और समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए, 76 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय स्थापित किए जाएंगे। इस परियोजना के लिए राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति वित्त और विकास विभाग (NSTFDC) और कोल इंडिया लिमिटेड के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इस अवसर पर केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री जुआल ओरम और कोयला एवं खनन मंत्री जी किशन रेड्डी भी उपस्थित थे। वर्तमान में, देश भर में 479 एकलव्य मॉडल स्कूल चल रहे हैं, जो आदिवासी बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और समग्र विकास के अवसर प्रदान करते हैं। इन स्कूलों को आदिवासी छात्रों को उच्च शिक्षा और रोजगार के अवसरों तक पहुंचाने में सरकार की प्रमुख पहल माना जाता है। कोल इंडिया ने भी अब इस दिशा में कदम बढ़ाया है। कोल इंडिया, अपनी सीएसआर (CSR) पहल के तहत, 1200 कंप्यूटर, 1200 यूपीएस यूनिट, 110 टैबलेट, 420 सेनेटरी पैड वेंडिंग मशीनें, और 420 सेनेटरी पैड इन्सिनरेटर प्रदान करेगा। कक्षा 10 और 12 के लगभग 6200 से अधिक छात्रों के लिए करियर काउंसलिंग और मेंटरशिप की व्यवस्था भी की जाएगी। इस परियोजना के लिए कोल इंडिया 10 करोड़ रुपये आवंटित करेगा। मंत्री जुआल ओरम ने कहा कि कोल इंडिया की इस पहल से आदिवासी शिक्षा मजबूत होगी। कोयला एवं खनन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि इस साझेदारी से शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और महिला सशक्तिकरण जैसे क्षेत्रों में सीएसआर फंड का उपयोग किया जा सकेगा। इस समझौते का उद्देश्य बच्चों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित (STEM) में मजबूत बनाना है, साथ ही महिला स्वास्थ्य और स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित करना है। इस पहल से लगभग 30,000 आदिवासी छात्रों को लाभ मिलने की उम्मीद है।
आदिवासी बच्चों के विकास को बढ़ावा: NSTFDC और कोल इंडिया की साझेदारी
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