रोहिणी के एक आश्रम में शिष्यों के साथ बलात्कार और उत्पीड़न के आरोपी वीरेंद्र देव दीक्षित की मौत हो गई है। सीबीआई की एक विशेष अदालत ने आरोपी वीरेंद्र की मौत की सूचना दी है। अधिकारियों के अनुसार, आरोपी की मृत्यु 2023 में हो चुकी है। वह काफी समय से फरार चल रहा था। दिल्ली उच्च न्यायालय के एक आदेश के बाद उसके खिलाफ कार्रवाई की गई थी। यह मामला 2017 का है और वीरेंद्र तब से फरार था। उसकी गिरफ्तारी के लिए उस पर 5 लाख रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था। हैदराबाद इकाई को जनवरी 2025 में उसकी मृत्यु की जानकारी मिली, जिसकी हाल ही में पुष्टि हुई। वीरेंद्र की उम्र 80 वर्ष हो चुकी थी। अब आरोपी वीरेंद्र की मौत की पुष्टि होने के बाद सीबीआई ने इस मामले को खत्म करने की मांग की है। सीबीआई ने 2018 और 2019 में वीरेंद्र के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर और इंटरपोल ब्लू नोटिस जारी किया था। अब सीबीआई उन मामलों में ट्रायल रद्द करने की मांग कर रही है जिनमें कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। अदालत ने लापता लड़कियों, यौन अपराधों और एक आत्महत्या की शिकायत के लिए भी जांच के आदेश दिए थे। महिलाओं के खिलाफ कई गंभीर मामलों के अपराधी वीरेंद्र देव दीक्षित को पकड़ने के लिए नेपाल तक इसकी जांच की गई। वह महिलाओं को अवैध रूप से अपने आश्रम में बंदी बनाता था। उनके साथ बलात्कार करने के बाद, वह मामले को दबाने के लिए महिलाओं को धमकी देता था। उस पर आरोप था कि वह महिलाओं को एक किले जैसी जगह पर बंद रखता था, जो कांटेदार तारों से पूरी तरह से घिरा हुआ था।







