जब मुख्यमंत्री स्वयं चौपालों में बैठकर ग्रामीणों की बात सुन रहे हैं और प्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री बस्तरवासियों के विकास की मूल भावना को समझते हुए कार्य कर रहे हैं—तब यह स्पष्ट है कि बस्तर अब किसी कोने में नहीं, बल्कि राष्ट्रीय विकास की केंद्रीय भूमिका में है। यह परियोजना न केवल बस्तर में रेल परियोजनाओं के विस्तार का प्रतीक है, बल्कि यह नए भारत में समावेशी विकास की मजबूत मिसाल भी है – जहाँ विकास अब सिर्फ शहरों तक सीमित नहीं, बल्कि बस्तर जैसे दूरस्थ अंचल के जंगलों और पहाड़ों तक भी पहुँच रही है।