छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में 103 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जो राज्य के इतिहास में एक अभूतपूर्व घटना है। इन नक्सलियों ने पुलिस और प्रशासन के सामने हथियार डाले। इनमें से 49 नक्सलियों पर 1.06 करोड़ रुपये का इनाम था, और प्रत्येक को 50,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी गई।
समर्पण समारोह में डीआईजी, आईजी और बीजापुर एसपी मौजूद रहे। सभी को छत्तीसगढ़ सरकार की नई आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति के तहत राशि मिली। एसपी यादव ने कहा कि सरकार की नीति माओवादियों को मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रेरित कर रही है। इस वर्ष बीजापुर जिले में 410 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, 421 गिरफ्तार हुए हैं और 137 मारे गए हैं।
समर्पण करने वालों में कई बड़े नक्सली कमांडर भी शामिल थे। सरकार की योजना आत्मसमर्पण करने वालों को जमीन, आवास और शिक्षा के लिए सहायता प्रदान करना है। आत्मसमर्पण करने वालों को 50,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि, हथियार और विस्फोटक बरामद करने पर अतिरिक्त इनाम दिया जा रहा है।
बीजापुर पुलिस के अनुसार, माओवादी संगठन में हताशा बढ़ी है। सरकार का लक्ष्य 2026 तक नक्सलवाद को समाप्त करना है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस आत्मसमर्पण को शांति और विकास की जीत बताया, और कहा कि 31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त बनाने का लक्ष्य है।