केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को जगदलपुर में कहा कि माओवादियों से किसी भी तरह की बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं है, उन्हें पहले आत्मसमर्पण करना होगा और फिर बस्तर के विकास में भागीदार बनना होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले 10 सालों में छत्तीसगढ़ में विकास कार्यों के लिए 4 लाख करोड़ रुपये से अधिक दिए हैं और आदिवासियों के सम्मान में कई योजनाएं भी शुरू की हैं। जगदलपुर के लालबाग परेड मैदान में बस्तर दशहरा लोकोत्सव और स्वदेशी मेला को संबोधित करते हुए शाह ने अगले साल 31 मार्च तक देश से नक्सलवाद को पूरी तरह खत्म करने का संकल्प दोहराया।
गृह मंत्री ने नक्सलियों पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि हथियारों के बल पर बस्तर की शांति भंग करने वालों को सुरक्षा बल मुंहतोड़ जवाब देंगे। उन्होंने कहा, “मैं सभी आदिवासी भाइयों-बहनों से कहना चाहता हूं कि वे अपने गांव के युवाओं को हथियार डालने के लिए समझाएं। वे हथियार डालें और मुख्यधारा में लौट आएं और बस्तर के विकास में सहभागी बनें।” उन्होंने कहा, “कुछ लोग बातचीत की बात करते हैं, मैं फिर से साफ कर देता हूं कि हमारी दोनों सरकारें बस्तर और नक्सल प्रभावित हर क्षेत्र के विकास के लिए समर्पित हैं, अब किस चीज पर बात करनी है, हमने एक बहुत ही मोहक आत्मसमर्पण नीति तैयार की है, आप हथियार डाल दीजिए। अगर किसी ने हथियार के बल पर बस्तर की शांति को भंग करने की कोशिश की तो हमारे सशस्त्र बल इसका जोरदार जवाब देंगे। 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को देश की धरती से उखाड़ फेंकने का संकल्प लिया गया है।” केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि नक्सलवाद विकास में बाधा है। उन्होंने कहा, “दिल्ली में कुछ लोगों ने कई वर्षों तक यह भ्रम फैलाया कि नक्सलवाद विकास के लिए एक लड़ाई है, लेकिन मैं आदिवासी भाइयों को यह बताने आया हूं कि पूरा बस्तर विकास से वंचित रहा, आप तक विकास पहुंचा ही नहीं, क्योंकि इसका मुख्य कारण नक्सलवाद रहा। आज देश के हर गांव में बिजली, पीने का पानी, सड़कें, हर घर में शौचालय, पांच लाख तक का स्वास्थ्य बीमा, पांच किलो मुफ्त चावल और आपके धान को 3100 रुपये (प्रति क्विंटल) तक पहुंचाने की व्यवस्था है, लेकिन इन सबमें बस्तर पीछे रह गया है।”
अमित शाह ने कहा, “मैं आज (पीएम नरेंद्र) मोदी की ओर से आपको भरोसा दिलाना चाहता हूं कि अगले साल 31 मार्च के बाद नक्सलवादी आपके विकास को नहीं रोक पाएंगे और आपके अधिकारों को नहीं रोक पाएंगे। इस पर काफी काम हो चुका है और बहुत कुछ किया जाना बाकी है।” बस्तर के लोगों से नक्सलवाद से दूर रहने का अनुरोध करते हुए अमित शाह ने कहा, “मैं आप सभी से अपील करने आया हूं कि जो बच्चे नक्सलवाद से जुड़े हैं, आप ही के गांव के लोग हैं, आप उन्हें समझाएं कि वे हथियार डाल दें और मुख्यधारा में आ जाएं। छत्तीसगढ़ सरकार ने देश में सबसे अच्छी आत्मसमर्पण नीति बनाई है। एक ही महीने में 500 से ज्यादा लोगों ने हथियार डाल दिए हैं। सभी लोग हथियार डालें। यहां के गांव नक्सल मुक्त होते ही छत्तीसगढ़ सरकार इसके विकास के लिए एक करोड़ रुपये देगी। नक्सलवाद से किसी का भला नहीं होगा।”
शाह ने जगदलपुर में मां दंतेश्वरी मंदिर में पूजा-अर्चना की और विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा उत्सव के तहत आयोजित होने वाले पारंपरिक आयोजन मुरिया दरबार में भी हिस्सा लिया, जहां उन्होंने पुजारियों और आदिवासी समुदाय के नेताओं से बातचीत की।