सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, जस्टिस बी.आर. गवई ने पटाखों पर सिर्फ दिल्ली-एनसीआर में प्रतिबंध लगाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि साफ हवा का अधिकार केवल दिल्ली के ‘खास’ लोगों का नहीं, बल्कि पूरे देश के हर नागरिक का है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि पटाखे पूरे देश में बंद होने चाहिए, न कि केवल एक शहर तक सीमित।
CJI ने सवाल किया, ‘सिर्फ दिल्ली में ही क्यों?’
जस्टिस गवई ने कहा, ‘हम दिल्ली के लिए अलग नियम नहीं बना सकते, क्योंकि वहां अमीर लोग रहते हैं। अगर एनसीआर के शहरों को साफ हवा का हक है, तो बाकी शहरों के लोगों को क्यों नहीं?’ उन्होंने पंजाब के अमृतसर का उदाहरण दिया, जहां सर्दियों में प्रदूषण दिल्ली से भी अधिक होता है। कोर्ट का मानना है कि ऐसी नीतियां पूरे देश के लिए होनी चाहिए।
गरीब मजदूरों का क्या होगा?
पटाखा निर्माताओं ने कोर्ट से कहा कि इस प्रतिबंध से हजारों परिवारों की रोजी-रोटी छिन रही है। CJI ने इस पर सहमति जताते हुए कहा कि बैन से गरीब मजदूर सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं, लेकिन प्रदूषण की समस्या का समाधान राष्ट्रीय स्तर पर ही खोजना होगा। कोर्ट ने एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन (CAQM) से इस मामले पर प्रतिक्रिया मांगी है।