दोनों एक-दूसरे से बेइंतहां प्यार करते थे और उन्होंने 15 मई को आर्य समाज मंदिर में शादी की थी। शादी के 13 दिन बाद, दुल्हन को उसके पिता ले गए। उन्होंने कहा कि वह उसे कुछ दिनों के लिए मायके ले जा रहे हैं, लेकिन उसके बाद से दुल्हन का कोई पता नहीं चला है। पति ने अपनी पत्नी को खोजने की हर संभव कोशिश की, और आरोप लगाया कि पुलिस ने भी उसकी कोई मदद नहीं की। इसके बाद, पति ने हाईकोर्ट का रुख किया।
हाईकोर्ट ने एसपी को 28 अगस्त तक युवती को ढूंढकर कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया है। यह मामला छत्तीसगढ़ के बिलासपुर का है। सूरज बंजारे और मुंगेली निवासी युवती के बीच दोस्ती थी, जो बाद में प्यार में बदल गई। 15 मई 2025 को सूरज ने युवती से रायपुर के आर्य समाज मंदिर में शादी की। युवक का आरोप है कि 28 मई को युवती के परिजन उससे मिलने आए और उसे जबरन अपने साथ ले गए।
सूरज का कहना है कि उसकी पत्नी घर लौटने वाली थी, लेकिन जब वह नहीं आई, तो उसने उसकी तलाश शुरू कर दी। युवती के परिजन भी कोई जानकारी नहीं दे रहे हैं। सूरज पुलिस के पास शिकायत लेकर थाने के चक्कर काटता रहा, लेकिन पुलिस ने सहयोग नहीं किया। परेशान होकर, सूरज ने हाईकोर्ट में बंदी-प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की। इसमें कहा गया कि युवती के परिजन उसकी जानकारी नहीं दे रहे हैं और न ही उससे मिलने को तैयार हैं। युवक को डर है कि उसकी पत्नी के साथ कुछ बुरा हो सकता है, और उसने आशंका जताई है कि कहीं उसकी पत्नी को मार तो नहीं डाला गया है।
याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि युवती की जान को खतरा हो सकता है, इसलिए उसे तुरंत बरामद किया जाना चाहिए।
हाईकोर्ट ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मुंगेली एसपी को युवती की तलाश करने और उसे 28 अगस्त तक कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है। साथ ही युवती के पिता को भी कोर्ट में पेश होने के लिए कहा गया है।