रायपुर। राज्य सरकार ने पहली बार शनिवार को स्कूलों के समय में बदलाव किया है, साथ ही इस दिन की पढ़ाई और बच्चों की गतिविधियों में भी बदलाव किया गया है। बदलाव के अनुसार, अब सुबह होने वाले योग और व्यायाम दोपहर में होंगे, जो दोपहर के भोजन के बाद होंगे। पहले शनिवार को स्कूल सुबह 7:30 बजे से 11:30 बजे तक लगते थे, लेकिन नए निर्देशों के अनुसार, अब सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक संचालित होंगे। शिक्षक नेता इस आदेश को अव्यवहारिक मान रहे हैं और पहले की तरह शनिवार को स्कूल चलाने की मांग कर रहे हैं।
शिक्षक नेताओं का कहना है कि शिक्षा का उद्देश्य बच्चों का सर्वांगीण विकास करना है, जिसमें शारीरिक, मानसिक, नैतिक, व्यावहारिक और कौशल शिक्षा शामिल है। योग, प्राणायाम और व्यायाम के लिए सुबह का समय ही अनुकूल होता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योग, प्राणायाम और व्यायाम को स्कूल के पाठ्यक्रम में शामिल किया है।
शिक्षक संघ के नेताओं ने कहा कि शनिवार को सुबह स्कूल लगाने का फैसला शिक्षाविदों ने शारीरिक शिक्षा और योग के महत्व को समझते हुए लिया था। उनका मानना है कि स्वस्थ मन के लिए स्वस्थ शरीर आवश्यक है, और योग और व्यायाम से शरीर और मन के बीच संतुलन बनता है।
शिक्षक नेताओं ने इस निर्णय को स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से अव्यवहारिक बताया है। उनका कहना है कि योग और व्यायाम खाली पेट करना चाहिए, जिसके लिए सुबह का समय उचित है। शनिवार को सुबह स्कूल न लगाने से बच्चों के सर्वांगीण विकास में बाधा आएगी।
स्कूल शिक्षा विभाग ने 1 सितंबर 2018 को एक आदेश जारी किया था, जिसमें सोमवार से शुक्रवार तक स्कूलों का समय सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक और शनिवार को सुबह 7:30 बजे से 11:30 बजे तक निर्धारित किया गया था। DPI द्वारा 22 जुलाई 2025 के एक आदेश में समय सारणी बदलने का प्रयास किया गया है, जिससे पूरे प्रदेश में एकरूपता का अभाव आ गया है।
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि शनिवार को स्कूल का संचालन पहले की तरह सुबह 7:30 से 11:30 तक होना चाहिए, क्योंकि सुबह का समय व्यायाम, योगाभ्यास और खेलकूद के लिए उपयुक्त होता है।
नया समय सारणी:
* 10:00-10:15: प्रार्थना, राष्ट्रगान, एवं माहवार थीम पर विचार।
* 10:15-11:05 (पहला कालखंड): मातृभाषा, पुस्तकालय, आकलन आधारित उपचारात्मक शिक्षा।
* 11:05-11:55 (दूसरा कालखंड): गणित व उपचारात्मक शिक्षा।
* 11:55-12:05: लघु अवकाश।
* 12:05-12:55 (तीसरा कालखंड): अंग्रेजी व उपचारात्मक शिक्षा।
* 12:55-1:45 (चौथा कालखंड): पर्यावरण व उपचारात्मक शिक्षा।
* 1:45-2:35: भोजन अवकाश।
* 2:35-3:15 (पांचवां कालखंड): वर्कबुक, रीडिंग-राइटिंग, विषयवार उपचारात्मक शिक्षा।
* 3:15-4:00 (अंतिम कालखंड): शारीरिक शिक्षा, योग, खेल, कला व बागवानी।