छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में छह माओवादियों को मार गिराया गया है। यह घटना मंगलवार को हुई, जिसके बाद मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस कार्रवाई की सराहना की है। उन्होंने इसे माओवादी समस्या को जड़ से खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है।

जानकारी के अनुसार, बीजापुर जिले के इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में सुबह करीब 10 बजे यह मुठभेड़ शुरू हुई। पुलिस अधीक्षक जितेंद्र यादव ने बताया कि सुरक्षा कर्मियों की एक संयुक्त टीम को क्षेत्र में वरिष्ठ माओवादी कैडरों की मौजूदगी की सूचना मिली थी, जिसके आधार पर वे नक्सल विरोधी अभियान पर निकले थे।
इस अभियान में बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों के जिला रिजर्व गार्ड (DRG) और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) के जवान शामिल थे। एसपी यादव ने बताया कि कई घंटों तक रुक-रुक कर गोलीबारी जारी रही। तलाशी के दौरान, घटनास्थल से छह नक्सलियों के शव बरामद हुए, जिनके पास से INSAS राइफल, स्टेन गन, .303 राइफल और विस्फोटक जैसे हथियार मिले।
घटनास्थल पर अतिरिक्त DRG, STF, बस्तर फाइटर्स, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) और छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल (CAF) की टीमें भेजी गईं, ताकि इलाके को घेरकर भागे हुए नक्सलियों को पकड़ा जा सके। एसपी यादव ने पुष्टि की कि यह अभियान अभी भी जारी है।
मुख्यमंत्री साय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “माओवादी उग्रवाद के खिलाफ अभियान जारी है और नक्सलवाद समाप्त होने की कगार पर है। आज, छत्तीसगढ़ पुलिस की DRG और STF की संयुक्त टीम और नक्सलियों के बीच जारी मुठभेड़ में अब तक छह नक्सली मारे गए हैं।” उन्होंने सुरक्षा बलों के साहस की सराहना करते हुए कहा कि यह माओवादी समस्या को पूरी तरह से खत्म करने की दिशा में एक बड़ी सफलता है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के 31 मार्च 2026 तक देश और राज्य से नक्सलवाद को खत्म करने के संकल्प को पूरा करने में मिल रही सफलता का भी जिक्र किया।
एक अन्य घटना में, बीजापुर के तरलगुडा क्षेत्र के अन्नाराम गांव के जंगल में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ के बाद एक घायल नक्सली को गिरफ्तार किया गया। घायल नक्सली को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस वर्ष छत्तीसगढ़ में अब तक 259 नक्सली मुठभेड़ों में मारे जा चुके हैं, जिनमें से 230 बस्तर संभाग में मारे गए।




