छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने धुरवा समाज के लिए पांच स्थानों पर डोम निर्माण के लिए 75 लाख रुपये देने की घोषणा की है. प्रत्येक डोम के निर्माण पर पंद्रह-पंद्रह लाख रुपये खर्च किए जाएंगे. साथ ही, मुख्यमंत्री ने धुरवा समाज के 36 सरपंचों द्वारा ग्राम पंचायतों के विकास के लिए प्रस्तुत प्रस्तावों को भी स्वीकृति देने का आश्वासन दिया. यह घोषणा जगदलपुर के वन विद्यालय परिसर में आयोजित धुरवा समाज के नुआखाई मिलन समारोह और नवनिर्मित सामाजिक भवन ‘ओलेख’ के लोकार्पण के दौरान की गई.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जनजातीय समाज के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आदिवासी बहुल गांवों के विकास के लिए शुरू की गई ‘धरती आबा ग्राम उत्कर्ष योजना’ का भी उल्लेख किया, जिसके लिए 80 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इसके अतिरिक्त, विशेष पिछड़ी जनजातियों के उत्थान के लिए प्रधानमंत्री जनमन योजना भी प्रारंभ की गई है.
सीएम साय ने कहा कि इन प्रयासों से जनजातीय क्षेत्रों में विकास होगा और जनजातीय समुदाय प्रगति करेगा. उन्होंने शहीद गुंडाधुर को नमन किया और कहा कि नुआखाई मिलन समारोह हमारी संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक है. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के योगदान को भी याद किया, जिन्होंने जनजातीय कार्य मंत्रालय का गठन किया था. मुख्यमंत्री ने बस्तर और सरगुजा संभाग के विकास के लिए विशेष आदिवासी क्षेत्र विकास प्राधिकरण की भूमिका पर भी प्रकाश डाला.
मुख्यमंत्री ने माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में विकास पर जोर देते हुए कहा कि सरकार नियद नेल्लानार योजना के माध्यम से सड़कों, पुलों, बिजली और पानी की उपलब्धता सुनिश्चित कर रही है, साथ ही आवास और राशन जैसी मूलभूत सुविधाएं भी प्रदान कर रही है. उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने नुआखाई मिलन समारोह की शुभकामनाएं दीं और कहा कि समाज का यह प्रयास नई पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक है.