रायपुर: छत्तीसगढ़ की व्यापारिक बिरादरी के लिए खुशखबरी! राज्य सरकार ने वस्तु एवं सेवा कर (GST) रिटर्न भरने के लिए भुगतान के नए डिजिटल विकल्प शुरू किए हैं। अब व्यापारी और व्यवसायी क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड और यूपीआई (UPI) का उपयोग करके आसानी से अपना जीएसटी टैक्स जमा कर सकेंगे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और वित्त मंत्री ओपी चौधरी के नेतृत्व में शुरू की गई इस पहल का मुख्य उद्देश्य करदाताओं के लिए भुगतान प्रक्रिया को अधिक सरल, तेज, पारदर्शी और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाना है।
व्यापारिक समुदायों की पुरानी मांगें पूरी
यह नई सुविधा लंबे समय से चली आ रही व्यापारिक समुदायों और व्यापारिक संगठनों की मांगों को पूरा करती है। पहले, जीएसटी भुगतान केवल नेट बैंकिंग या सीधे बैंक काउंटर पर ही संभव था, जिसमें कई तरह की परेशानियां आती थीं। असफल लेनदेन और जीएसटी पोर्टल से बैंक लिंकेज की कमी जैसी समस्याएं अक्सर छोटे और नए व्यवसायों के लिए देरी का कारण बनती थीं। नए डिजिटल भुगतान विकल्पों से इन समस्याओं का समाधान होगा, जिससे व्यापार करना और भी सुगम हो जाएगा।
डिजिटल गवर्नेंस और पारदर्शिता की ओर कदम
वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने इस कदम को ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को मजबूत करने वाला बताया है। इससे मध्यस्थों पर निर्भरता कम होगी और सरकार की पारदर्शिता व डिजिटल शासन के प्रति प्रतिबद्धता को बल मिलेगा। करदाता अब आधिकारिक जीएसटी पोर्टल (www.gst.gov.in) पर इन भुगतान विकल्पों का लाभ उठा सकते हैं। यह प्रणाली सुरक्षित और कुशल लेनदेन सुनिश्चित करने के लिए मजबूत सुरक्षा उपायों के साथ डिज़ाइन की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य नागरिकों और व्यवसायों के लिए शासन को अधिक सुलभ और पारदर्शी बनाना है। छत्तीसगढ़ में एक विश्वास-आधारित कर प्रणाली को बढ़ावा देने और बाधाओं को कम करने पर जोर दिया जा रहा है। इस डिजिटल सुधार से विभागीय दक्षता और राजस्व संग्रह में सुधार की उम्मीद है, जिससे छत्तीसगढ़ भारत के डिजिटल कर प्रशासन परिदृश्य में एक अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित होगा। यह व्यापक सुधार छत्तीसगढ़ में कर प्रक्रियाओं के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो करदाताओं को लाभ पहुंचाएगा और राज्य के डिजिटल व आर्थिक विकास के लक्ष्यों को आगे बढ़ाएगा।


