रायपुर: छत्तीसगढ़ एंटी-टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) ने राज्य में आतंक फैलाने की कोशिश कर रहे एक बड़े मॉड्यूल का पर्दाफाश किया है। एटीएस ने रायपुर से दो नाबालिग लड़कों को हिरासत में लिया है, जिन पर पाकिस्तान स्थित ISIS मॉड्यूल के इशारों पर काम करने का आरोप है। यह जानकारी छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने दी, जो गृह विभाग की जिम्मेदारी भी संभालते हैं। उन्होंने बताया कि ये नाबालिग इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फर्जी अकाउंट्स के जरिए युवाओं और किशोरों को कट्टरपंथी बनाने की कोशिश कर रहे थे।

उपमुख्यमंत्री शर्मा के अनुसार, ये किशोर चरमपंथी सामग्री से प्रभावित थे और दूसरों को भी प्रभावित करने का प्रयास कर रहे थे। उनके पास ISIS के नाम पर इंटरनेट और सोशल मीडिया के माध्यम से काफी जानकारी उपलब्ध थी। यह राज्य में अपनी तरह का पहला मामला है, और ATS यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या ऐसे और भी लोग इसमें शामिल हैं।
गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया है। विजय शर्मा ने कहा कि ATS की टीम को विशेष रूप से रायपुर और राज्य के अन्य प्रमुख शहरों में विस्तारित किया जाएगा ताकि ऐसे व्यक्तियों की पहचान की जा सके और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके। उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से भी ATS टीम के विस्तार का अनुरोध किया है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान स्थित ISIS मॉड्यूल भारत की आंतरिक सुरक्षा को कमजोर करने के लिए साइबर स्पेस का इस्तेमाल कर रहा था। हैंडलर इंस्टाग्राम आईडी का उपयोग कर भारतीय किशोरों को निशाना बना रहे थे, उन्हें कट्टरपंथी बनाने, भारत विरोधी भावनाएं भड़काने और हिंसक उग्रवाद व जिहादी विचारधारा को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे थे। इन नाबालिगों को उनके इंस्टाग्राम ग्रुप चैट में जोड़ा गया था, जहां उन्हें व्यवस्थित रूप से कट्टरपंथी बनाया गया और ISIS प्रचार व हिंसक सामग्री ऑनलाइन प्रसारित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।
सबूतों से यह भी संकेत मिला है कि नाबालिगों को छत्तीसगढ़ में ISIS मॉड्यूल स्थापित करने के लिए प्रेरित किया जा रहा था। ATS और संबद्ध एजेंसियों द्वारा निरंतर साइबर निगरानी के बाद, इन दोनों नाबालिगों को तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पकड़ा गया है।





