छत्तीसगढ़ में सौर ऊर्जा के उपभोक्ता अब न केवल ऊर्जा उत्पादक हैं, बल्कि ऊर्जा दाता भी बन रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना जैसी पहलों का उल्लेख किया, जो राज्य को स्वच्छ ऊर्जा के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने सौर ऊर्जा जागरूकता और प्रोत्साहन अभियान के दौरान सूर्य रथ को हरी झंडी दिखाई, जिसका उद्देश्य लोगों को सौर ऊर्जा के लाभों और सब्सिडी के बारे में जानकारी देना है। उन्होंने 618 उपभोक्ताओं को 1.85 करोड़ रुपये की सब्सिडी भी वितरित की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य हाफ बिजली बिल से आगे बढ़ते हुए मुफ्त बिजली की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने लोगों से स्वच्छ ऊर्जा अपनाने और दूसरों को भी इस योजना से जोड़ने का आग्रह किया। केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर सब्सिडी प्रदान कर रही हैं, साथ ही आसान वित्तीय सुविधा भी उपलब्ध करा रही हैं। प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत लाभार्थियों को लेटर ऑफ अवार्ड भी दिए गए, जिससे उपभोक्ता सौर ऊर्जा का उत्पादन कर बिजली बेच सकते हैं और सस्ती बिजली का लाभ उठा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने सौभाग्य योजना के माध्यम से हर घर में बिजली पहुंचाने के संकल्प का भी उल्लेख किया। उन्होंने बताया कि 2000 में छत्तीसगढ़ की बिजली उत्पादन क्षमता 1,400 मेगावाट थी, जो आज 30,000 मेगावाट तक पहुंच गई है, जिससे पड़ोसी राज्यों को भी बिजली दी जा रही है। नई उद्योग नीति के तहत ऊर्जा क्षेत्र में 3.50 लाख करोड़ रुपये के एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं, जिससे प्रदेश की ऊर्जा उत्पादन क्षमता और भी बढ़ने की उम्मीद है।