मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे पेशी पर पेशी के चक्र को बंद करें और मामलों का समयबद्ध तरीके से समाधान करें। उन्होंने यह बात नया रायपुर स्थित महानदी भवन मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जिलों के कलेक्टर्स की बैठक में कही। बैठक में शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई। मुख्यमंत्री ने राज्य के सभी जिलों में विकास योजनाओं की जमीनी हकीकत की गहन समीक्षा की और अधिकारियों को कई जरूरी दिशा-निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने जिलेवार समीक्षा करते हुए नामांतरण, अविवादित व विवादित बंटवारे, अभिलेख दुरूस्ती, त्रुटि सुधार, भू-अर्जन, सीमांकन, और डायवर्सन से संबंधित मामलों की स्थिति की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने कहा कि बार-बार पेशी पर बुलाने से जनता को आर्थिक नुकसान होता है, समय और श्रम भी व्यर्थ जाता है, जिससे सरकारी सिस्टम के प्रति लोगों का भरोसा कम होता है। उन्होंने अधिकारियों को पेशियों में कमी लाने और समय पर मामलों का समाधान करने को कहा।
प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह ने निर्देश दिया कि सभी राजस्व मामलों को ई-कोर्ट में दर्ज किया जाए, जिससे उनकी निगरानी और ट्रैकिंग आसान हो सके। रिकॉर्ड दुरुस्तीकरण और त्रुटि सुधार पर भी ध्यान देने को कहा गया। तहसील स्तर पर पटवारियों के माध्यम से एक विशेष अभियान चलाकर रिकॉर्ड को दुरुस्त करने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्गों की परियोजनाओं पर जोर देते हुए भू-अर्जन की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कलेक्टरों को भू-अर्जन और मुआवजा वितरण के लंबित मामलों का शीघ्र निपटारा करने के लिए निर्देशित किया। बस्तर संभाग में सड़क, रेल और मोबाइल टॉवर जैसी परियोजनाओं के लिए भू-अर्जन और मुआवजा वितरण कार्यों को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार राजस्व प्रशासन में पारदर्शिता और जवाबदेही को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक अधिकारी सुनिश्चित करे कि मामलों का निपटारा बिना देरी के, न्यायसंगत ढंग से हो। किसान पंजीयन की प्रक्रिया में तेजी लाने और डिजिटल फसल सर्वे को समय पर पूरा करने के भी निर्देश दिए गए।
छत्तीसगढ़ के निर्माण की 25वीं वर्षगांठ को यादगार बनाने के लिए 15 अगस्त से रजत महोत्सव की शुरुआत हुई है, जो 25 सप्ताह तक चलेगी। मुख्यमंत्री साय ने सभी जिलों के कलेक्टरों को निर्देशित किया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में आयोजन कर रजत महोत्सव को जनभागीदारी का उत्सव बनाएं। 17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक सेवा पखवाड़ा मनाया जाएगा जो छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव का हिस्सा होगा, जिसमें रक्तदान शिविर, स्वास्थ्य कैंप, राजस्व कैम्प जैसे जनसेवा के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।