रायपुर। देशभर में कोल्ड्रिफ कफ सिरप को लेकर चिंता बढ़ गई है। राजस्थान और मध्य प्रदेश में इस सिरप के सेवन से कम से कम 11 बच्चों की मौत हो चुकी है, जबकि कुछ रिपोर्टों में यह संख्या 12 तक बताई जा रही है। मध्य प्रदेश और तमिलनाडु सरकारों ने इस दवा पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है, और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने नमूनों की जांच कराई है, जिसमें विषाक्त पदार्थ डाइएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) की अत्यधिक मात्रा पाई गई है।
यह सिरप तमिलनाडु के कांचीपुरम स्थित श्रीसन फार्मा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी द्वारा बनाया जाता है। तमिलनाडु ड्रग कंट्रोल विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, बैच नंबर SR-13 के नमूने में 48.6 प्रतिशत DEG मिला, जिससे किडनी फेलियर और मौत हो सकती है। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में सबसे ज़्यादा मौतें दर्ज की गईं, जहाँ बच्चों को कफ की दवा के रूप में यह सिरप दिया गया था। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने छह राज्यों में 19 दवा इकाइयों का निरीक्षण शुरू कर दिया है।
छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि श्रीसन फार्मा की किसी भी दवा की राज्य में आपूर्ति नहीं है। फिर भी, भ्रम और अफवाहों को रोकने के लिए, कोल्ड्रिफ सिरप पर यहां भी पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा। विभाग बाजारों पर कड़ी निगरानी रख रहा है और दवा विक्रेताओं को कंपनी के सभी उत्पादों की बिक्री तुरंत बंद करने का निर्देश दिया गया है।
स्थानीय दवा व्यापारी अश्वनी विग ने पुष्टि की कि छत्तीसगढ़ में कोल्ड्रिफ की कोई सप्लाई चेन या गोदाम नहीं है। इसके बावजूद, मध्य प्रदेश और राजस्थान की घटनाओं के बाद सोशल मीडिया पर सिरप की तस्वीरें वायरल होने से राज्य में दहशत फैल गई। लोग दवा खरीदने से पहले जांच करने लगे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने अभिभावकों से अपील की है कि बच्चों को कोई भी कफ सिरप बिना डॉक्टर की सलाह के न दें और संदिग्ध दवाओं की जानकारी तुरंत रिपोर्ट करें।