नई दिल्ली। नवरात्रि का पावन पर्व वर्ष में चार बार मनाया जाता है, जिसमें दो प्रत्यक्ष और दो गुप्त नवरात्रि होती हैं। शारदीय और चैत्र नवरात्रि प्रमुख हैं, जबकि दो गुप्त नवरात्रि भी महत्वपूर्ण हैं। इस वर्ष आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर पड़ने वाली शारदीय नवरात्रि का विशेष महत्व है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की विशेष पूजा की जाती है। इस बार शारदीय नवरात्रि सोमवार से शुरू हो रही है, और मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर भक्तों के बीच आएंगी। हाथी पर सवार होकर आना शुभ और सुखद माना जाता है। मान्यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा पृथ्वी पर अपने भक्तों को आशीर्वाद देने आती हैं। तो आइए जानते हैं इस साल नवरात्रि कब से शुरू हो रही है और इसका क्या महत्व है।
विदाई कब?
इस बार, 2 अक्टूबर 2025 को गुरुवार के दिन विजयादशमी के साथ शारदीय नवरात्रि का समापन होगा। इस दिन मां दुर्गा की विदाई पालकी पर होगी। माता रानी का पालकी पर जाना सुख और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
तिथि और शुभ मुहूर्त
आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 22 सितंबर को रात 01:23 बजे शुरू होगी और 23 सितंबर को रात 02:55 बजे समाप्त होगी। इस प्रकार, 22 सितंबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होगी और इसी दिन घटस्थापना की जाएगी।
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 06:08 बजे से सुबह 08:06 बजे तक रहेगा। इसके अतिरिक्त, अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:49 बजे से दोपहर 12:38 बजे तक रहेगा।
नवमी कब है?
30 सितंबर को शाम 6:06 बजे नवमी तिथि प्रारंभ होगी, जो अगले दिन 01 अक्टूबर को रात 7:01 बजे समाप्त होगी। इसलिए, 01 अक्टूबर को महानवमी मनाई जाएगी, और इसी दिन विधिपूर्वक कन्या पूजन किया जाएगा।