रायपुर। युद्ध और सैन्य अभियानों में शहीद हुए सैनिकों की पत्नियों या आश्रितों को दी जाने वाली अनुग्रह राशि अब 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दी गई है। इसके साथ ही, वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वाले जवानों को दी जाने वाली राशि में भी वृद्धि की गई है। परमवीर चक्र प्राप्त करने वालों को अब 40 लाख रुपये की जगह 1 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि मिलेगी। यह महत्वपूर्ण निर्णय मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आयोजित राज्य सैनिक बोर्ड की बैठक में लिया गया।
आज मंत्रालय महानदी भवन में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में सैनिक कल्याण विभाग की 6वीं राज्य सैनिक समिति की बैठक हुई। मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारे सैनिक देश की सुरक्षा के लिए अपना जीवन न्यौछावर करते हैं और हम उनके शौर्य और बलिदान को नमन करते हैं। सरकार भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए हमेशा प्रतिबद्ध है। बैठक में शहीदों की वीर नारियों, भूतपूर्व सैनिकों, विधवाओं और उनके आश्रितों के लिए राज्य द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं पर चर्चा की गई।
मुख्यमंत्री साय ने समिति की छठवीं बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि 140 करोड़ देशवासियों की सुरक्षा में हमारे वीर जवान दिन-रात तत्पर रहते हैं। भारत माँ की सेवा में अपना जीवन अर्पित करने वाले इन वीर सपूतों का कल्याण करना सबका दायित्व है। बैठक में भूतपूर्व सैनिकों, विधवाओं और उनके परिजनों के हित में सार्थक चर्चा हुई। बैठक में लिए गए निर्णयों का लाभ भूतपूर्व सैनिकों और उनके परिवारों तक सीधे पहुंचेगा। भूतपूर्व सैनिकों की बेहतरी के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए गए हैं, जिन पर उचित निर्णय लिया जाएगा।
बैठक के दौरान भूतपूर्व सैनिकों, विधवाओं और उनके आश्रितों के हित में कई महत्वपूर्ण एजेंडा बिंदुओं पर निर्णय लिए गए। इनमें शहीद सैनिकों के परिवारों को मिलने वाली अनुग्रह राशि में वृद्धि, वीरता पुरस्कार प्राप्त सैनिकों को मिलने वाली राशि में वृद्धि शामिल है। अब परमवीर चक्र प्राप्तकर्ता को 1 करोड़ रुपये मिलेंगे। सैनिकों के माता-पिता को मिलने वाली जंगी इनाम राशि भी 5 हजार रुपये प्रतिवर्ष से बढ़ाकर 20 हजार रुपये कर दी गई है। युद्ध में दिव्यांग हुए सैनिकों की अनुदान राशि 10 लाख से बढ़ाकर 30 लाख रुपये कर दी गई है। इसके अतिरिक्त, सेवारत सैनिकों, भूतपूर्व सैनिकों और विधवाओं को पहली बार भूमि/गृह खरीदने पर 25 लाख रुपये तक के स्टाम्प शुल्क में छूट देने का निर्णय लिया गया।