प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि मोदी सरकार ने देश के व्यापार और उद्योगों को तबाह करने के बाद, महंगाई बढ़ाने के बाद जीएसटी के स्लैब में बदलाव किया है। 28% और 12% के स्लैब को खत्म कर दिया गया है, लेकिन 40% का एक नया स्लैब जीएसटी में जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने पहले ही कहा था कि जीएसटी को वापस लेना पड़ेगा और आज उनकी बात सच साबित हुई। मोदी सरकार द्वारा लगाया गया अनियमित जीएसटी जनता के लिए ‘गब्बर सिंह टैक्स’ था। उन्होंने कहा कि अभी भी जीएसटी में बदलाव की आवश्यकता है, क्योंकि दैनिक उपभोग की वस्तुओं पर 5% और 18% जीएसटी अधिक है। उन्होंने 1 जुलाई 2017 को बिना किसी तैयारी के त्रुटिपूर्ण कर प्रणाली को लागू करने और इसे आर्थिक आजादी बताने पर भी सवाल उठाया।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार आम जनता से टैक्स वसूलने में अंग्रेजों से भी ज्यादा बेरहम है। पिछले 8 वर्षों में जीएसटी से ही नरेंद्र मोदी सरकार ने 118 लाख करोड़ रुपये वसूले हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पहले टैक्स फ्री वस्तुओं पर भी 5%, 12% और 28% टैक्स लगाया गया और 8 साल बाद 5% और 18% टैक्स लगाकर एहसान जताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने अब स्वीकार किया है कि जीएसटी 1.0 अन्यायपूर्ण ‘गब्बर सिंह टैक्स’ था। जीएसटी 2.0 में भी, मोदी सरकार ने कृषि क्षेत्र की 35 से अधिक वस्तुओं पर जीएसटी लगाया है। पेट्रोल, डीजल और शराब अब भी जीएसटी के दायरे से बाहर हैं। उन्होंने कहा कि 28% का भारी-भरकम जीएसटी स्लैब दुनिया में कहीं और नहीं है और किराना पर 12% की बजाय 5% टैक्स होना चाहिए, जो उन्हें 8 साल बाद समझ आया। उन्होंने सरकार पर 40% का नया स्लैब लाने का भी आरोप लगाया, जो लोकप्रिय एसयूवी गाड़ियों पर लगाया गया है। उन्होंने कहा कि जीएसटी 2.0 में जीरो रेटेड, नील रेटेड के अलावा सोना-चांदी पर 3%, दैनिक उपभोग की वस्तुओं पर 5%, 18% के साथ-साथ 40% का स्लैब भी रहेगा। उन्होंने दावा किया कि मोदी सरकार का 22 सितंबर 2025 से केवल 2 जीएसटी स्लैब का दावा झूठा है।