छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रायपुर में आयोजित 3 दिवसीय डेंटल कॉन्फ्रेंस 2025 की शुरुआत करते हुए कहा कि राज्य सरकार प्रदेश की 3 करोड़ जनता के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है और विकसित छत्तीसगढ़ का सपना साकार करने के लिए काम कर रही है। उन्होंने बताया कि पिछले 20 महीनों में सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया है, जिससे दुर्गम क्षेत्रों तक स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई जा सकें।
मुख्यमंत्री ने डेंटल कॉन्फ्रेंस में दांतों की चिकित्सा और देखभाल से जुड़े उपकरणों की प्रदर्शनी देखी और डेंटल एसोसिएशन की स्मारिका का विमोचन किया।
उन्होंने कहा कि सरकार ने स्वास्थ्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है, जिसके तहत 5 नए मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं, साथ ही फिजियोथैरेपी, नर्सिंग और मदर-चाइल्ड हॉस्पिटल जैसे संस्थान भी स्थापित किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने आयुष्मान भारत योजना और प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के माध्यम से गरीब मरीजों और बुजुर्गों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिलने की बात कही, साथ ही सस्ती जेनेरिक दवाओं के जरिए लोगों को राहत प्रदान करने की बात कही।
उन्होंने पान मसाला, गुटखा और तंबाकू के सेवन से मुंह के कैंसर के बढ़ते मामलों पर चिंता व्यक्त की और डॉक्टरों से इस दिशा में जागरूकता अभियान चलाने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने एम्स की स्थापना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ का जीएसडीपी 5 लाख करोड़ रुपये है, जिसे 2047 तक 75 लाख करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य है।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वास्थ्य सेवाओं की लगातार समीक्षा कर रहे हैं और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों सहित दूरदराज के इलाकों में भी गुणवत्तापूर्ण सुविधाएं पहुंचाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि बस्तर में 20 विशेषज्ञ डॉक्टरों की नियुक्ति की गई है और सुकमा जिले के चिंतागुफा स्वास्थ्य केंद्र को एनक्यूएएस सर्टिफिकेट मिला है।
मंत्री ने कहा कि विशेष रूप से पिछड़ी जनजाति बहुल क्षेत्रों में मोबाइल मेडिकल यूनिट और बाइक एम्बुलेंस सेवा शुरू की जा रही है। छत्तीसगढ़ पूरे देश में सबसे अधिक कैशलेस इलाज की सुविधा देने वाला राज्य बन गया है।