रायपुर: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में रायपुर सेंट्रल जेल में एक विशेष योग और ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। लगभग 200 कैदियों और जेल कर्मचारियों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया। यह पहली बार था कि जेल में अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस भी मनाया गया।
इस सत्र का मार्गदर्शन ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ के वरिष्ठ प्रशिक्षक और योग आयोग के पूर्व सदस्य अजय सिंह ने किया। उन्होंने कैदियों को ध्यान, प्राणायाम और योग की विभिन्न तकनीकों का प्रशिक्षण दिया। सिंह ने बताया कि इन तकनीकों से मानसिक शांति, भावनात्मक संतुलन, तनाव कम करने और बेहतर नींद जैसे लाभ मिल सकते हैं।
जेल अधीक्षक अमित शांडिल्य ने कहा कि योग को जीवनशैली का हिस्सा बनाना आवश्यक है। जेल प्रशासन भविष्य में नियमित योग, प्राणायाम और सुदर्शन क्रिया शिविर आयोजित करने की योजना बना रहा है।
कैदियों ने उत्साह और अनुशासन के साथ भाग लिया, जिससे उनकी सुधारात्मक गतिविधियों में रुचि दिखी। इस पहल को कैदियों के मानसिक और आध्यात्मिक विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जाता है। इस कार्यक्रम ने जेल के वातावरण को सकारात्मक बनाया और कैदियों के पुनर्वास और समाज में वापस आने के प्रयासों को बढ़ावा दिया। रायपुर सेंट्रल जेल में योग की यह पहल सुधारात्मक संस्कृति को नया आयाम दे रही है।