छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में भारी बारिश के कारण, मुख्यालय के निकट धनेश गांव में लगभग 40 साल पुराना लूतिया बांध टूट गया। बांध के नीचे स्थित तीन घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए। बाढ़ के कारण रात में घर पर सो रहे आठ लोग और 30 से अधिक गाय, बैल और मवेशी बह गए। रात में दो लोगों के शव बरामद किए गए, जबकि दो अन्य शव बुधवार सुबह मिले।
अन्य लापता लोगों की तलाश के लिए एनडीआरएफ की टीम बचाव अभियान चला रही है। इस घटना के बाद गांव में मातम पसरा हुआ है। लूतिया बांध पानी से पूरी तरह भर गया था और मंगलवार रात करीब 10 बजे अचानक टूट गया, जिससे आसपास के इलाके में तबाही मच गई। बांध टूटने से नीचे बसे तीन घर पूरी तरह से बह गए।
घायलों का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। 30 से अधिक गाय, बैल और मवेशियों के बह जाने की आशंका है। तेज बहाव में आठ लोग भी बह गए, जिनमें से चार की दुखद मृत्यु हो गई। चार लोग अभी भी लापता हैं। घायलों का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। ग्रामीणों ने बताया कि बांध में पिछले तीन-चार सालों से पानी का रिसाव हो रहा था। यह जंगल और पहाड़ों से घिरा हुआ है।
ग्रामीणों ने बताया कि बारिश के दिनों में पानी यहां लबालब भरा रहता है। बांध टूटने के डर से जल संसाधन विभाग को कई बार मरम्मत के लिए आवेदन दिया गया, लेकिन विभाग ने कोई कार्रवाई नहीं की। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बांध 1976-77 में बनाया गया था, लेकिन गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दिया गया, जिसके कारण यह बड़ी घटना हुई।