छत्तीसगढ़ के जशपुर में एक दुखद घटना के बाद विवाद खड़ा हो गया है। एक व्यक्ति की हाथी के हमले में मौत हो गई, जिसके बाद जब मुआवजे की बात आई तो उसकी छह पत्नियाँ सामने आ गईं, सभी मुआवजे की हकदार होने का दावा कर रही हैं। वन विभाग इस स्थिति से परेशान है क्योंकि उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि किसे मुआवजा दिया जाए। विभाग ने सभी पत्नियों से शादी से संबंधित प्रमाण प्रस्तुत करने को कहा है जिससे यह साबित हो सके कि वे मृतक की पत्नियाँ थीं।
यह मामला पत्थलगांव वन परिक्षेत्र के बालाझर चिमटा पानी गांव का है। मृतक सालिक राम टोप्पो थे। उनकी मौत के बाद, जब उनकी छह पत्नियाँ और उनके बच्चे मुआवजे की मांग करने वन विभाग के कार्यालय पहुंचे, तो सभी हैरान रह गए। सभी महिलाएं खुद को सालिक राम की पत्नी बता रही हैं। वन विभाग अब इस गुत्थी को सुलझाने में लगा है कि असली पत्नी कौन है और किसे मुआवजा मिलना चाहिए। बताया जा रहा है कि सालिक राम ने अलग-अलग समय में इन छह महिलाओं से शादी की थी और हर एक के साथ कुछ साल बिताए थे।
वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि वे इस मामले को सुलझाने के लिए पंचायत सरपंच की सहमति से जांच कर रहे हैं। जो भी महिला आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने में सफल होगी, उसी के पक्ष में मुआवजे की राशि के लिए कार्रवाई की जाएगी।