बस्तर में नक्सल संगठन ने पहली बार हथियार छोड़ने और शांति वार्ता शुरू करने की गुहार लगाई है। सोशल मीडिया पर वायरल एक कथित पत्र में, नक्सल संगठन के केंद्रीय प्रवक्ता अभय ने कहा है कि वे बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन सरकार को पहले युद्धविराम घोषित करना होगा। पत्र में दावा किया गया है कि संगठन मार्च 2025 से ही शांति वार्ता की कोशिश कर रहा है, लेकिन सरकार ने जनवरी 2024 से घेराबंदी और उन्मूलन अभियान तेज कर दिया। पत्र में यह भी उल्लेख किया गया है कि मई में हुई एक मुठभेड़ में उनके महासचिव बसवाराजू सहित कई सदस्य मारे गए। संगठन ने भविष्य में हथियार छोड़कर राजनीतिक दलों और संघर्षरत संगठनों के साथ मिलकर जनसमस्याओं पर काम करने का भी इरादा जताया है।
माओवादियों ने पहली बार शांति वार्ता की गुहार लगाई
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