छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है। हाल ही में नक्सलियों द्वारा जारी किए गए प्रेस नोट से पता चला है कि वे डेटा सुरक्षा के लिए प्रोटॉन मेल का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह ईमेल सेवा स्विट्जरलैंड की कंपनी प्रोटॉन टेक्नोलॉजीज एजी द्वारा प्रदान की जाती है और अपनी गोपनीयता के लिए जानी जाती है। संपर्क के लिए नक्सलियों द्वारा इस्तेमाल की जा रही ईमेल आईडी एक सामान्य मेल सर्विस नहीं है, बल्कि गोपनीय डेटा संचार के लिए प्रसिद्ध प्रोटॉन मेल सर्विस का हिस्सा है। इससे पहले, आतंकी संगठन ISIS द्वारा भी प्रोटॉन मेल के उपयोग की पुष्टि की जा चुकी है। भारत में प्रोटॉन मेल सेवा पर प्रतिबंध लगाने के लिए अदालत में एक याचिका दायर की गई थी। कर्नाटक उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को प्रोटॉन मेल को भारत में ब्लॉक करने का निर्देश दिया था। यह आदेश एक महिला कर्मचारी को अश्लील और अपमानजनक ईमेल भेजने के मामले में आया था।







