बिलासपुर जिले में इन दिनों टोमेटो फ्लू का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। नौ महीने से सात साल तक की उम्र के बच्चे इस नई बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। बच्चों में बुखार, पेट दर्द, हाथ-पैर और पीठ पर लाल चकत्ते, और मुंह में छाले जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं। बड़ी संख्या में अभिभावक अपने बच्चों को इलाज के लिए सरकारी और निजी अस्पतालों में ले जा रहे हैं।
सिम्स अधीक्षक डॉ. लखन सिंह ने बताया कि अस्पताल में फ्लू के कुछ मामले सामने आए हैं, लेकिन टोमेटो फ्लू की पुष्टि नहीं हुई है। टोमेटो फ्लू एक स्व-सीमित बीमारी है जो कुछ दिनों में अपने आप ठीक हो जाती है। हालांकि, लक्षणों को कम करने के लिए दवाएं और आराम जरूरी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि गंभीर मामलों में बच्चों को तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। स्कूलों में यह बीमारी तेजी से फैल रही है। बच्चों में संक्रमण के खतरे को देखते हुए, अभिभावकों को स्कूल प्रबंधन और शिक्षकों द्वारा सलाह दी जा रही है कि लक्षण दिखने पर बच्चों को घर पर ही आराम करने दें। डॉक्टरों का सुझाव है कि बच्चों को कम से कम 7 से 10 दिनों तक स्कूल से दूर रखें और पूरी तरह से स्वस्थ होने के बाद ही भेजें।
टोमेटो फ्लू का नाम बच्चों की त्वचा पर टमाटर जैसे लाल चकत्ते बनने के कारण पड़ा है। यह वायरल संक्रमण विशेष रूप से छोटे बच्चों में फैलता है। माता-पिता को सलाह दी जाती है कि बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए स्वच्छता का ध्यान रखें और उनके खान-पान पर नजर रखें। डॉक्टरों का कहना है कि यह बीमारी जानलेवा नहीं है, लेकिन सतर्क रहना महत्वपूर्ण है। बच्चों को भीड़-भाड़ वाली जगहों पर न ले जाएं और लक्षण दिखने पर तुरंत इलाज कराएं। वायरल संक्रमण से पीड़ित होने पर बच्चों को घर पर आराम करने की सलाह दी जाती है।