चीन की राजधानी बीजिंग इस सप्ताह दो बड़े आयोजनों की मेजबानी करने के लिए तैयार है। पहला शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन है, जो 31 अगस्त और 1 सितंबर को तियानजिन में आयोजित होगा। इसके तुरंत बाद, 3 सितंबर को चीन अपनी राजधानी में विजय दिवस सैन्य परेड का आयोजन करेगा, जिसमें द्वितीय विश्व युद्ध में जापान पर जीत की 80वीं वर्षगांठ मनाई जाएगी।
चीन ने इस परेड में 26 से अधिक देशों के राष्ट्राध्यक्षों और प्रधानमंत्रियों को आमंत्रित किया है, जिनमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको शामिल हैं। भारत, तुर्की और मिस्र जैसे देशों के शीर्ष नेता केवल SCO शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे और परेड से पहले ही लौट जाएंगे।
भारत ने चीन की सैन्य परेड में भाग नहीं लेने का फैसला किया है। भारत का मानना है कि वह क्वाड (Quad) जैसी पहलों में जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के साथ मिलकर इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में संतुलन बनाए रखना चाहता है। इसके अलावा, भारत और जापान के बीच मजबूत संबंधों के कारण, चीन की परेड में शामिल होना जापान की भावनाओं के खिलाफ हो सकता था।