केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने प्रशांत किशोर द्वारा लगाए गए आरोपों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि प्रशांत जी लगातार कई आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या ये आरोप तथ्यों पर आधारित हैं या सिर्फ आरोप लगाने के लिए लगाए जा रहे हैं। चिराग ने कहा कि उन्हें लगता है कि ये सब बातें जांच का विषय हैं। उन्होंने दिल्ली में हुई एक ऐसी ही घटना का जिक्र किया जब एक मुख्यमंत्री बनने से पहले आम आदमी पार्टी के एक नेता ने कई आरोप लगाए थे और बाद में चुप हो गए।
चिराग पासवान ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि प्रशांत जी किन तथ्यों के साथ इन बातों को सामने रख रहे हैं। उनका मानना है कि जिन पर आरोप लगे हैं, वे अपना पक्ष रखने में सक्षम हैं। इनमें से कुछ नेताओं ने मानहानि का दावा किया है और स्पष्टीकरण देने की बात कही है, जिससे सब कुछ साफ हो जाएगा।
प्रशांत किशोर ने उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को हटाने और गिरफ्तार करने की मांग की है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को डिप्टी सीएम के खिलाफ कार्रवाई करने की चुनौती दी है। प्रशांत किशोर का आरोप है कि सम्राट चौधरी ने 1995 के एक हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट में जाली उम्र प्रमाण पत्र जमा किया था, जिससे उन्हें राहत मिली थी। उन्होंने आरोप लगाया कि सर्टिफिकेट की मदद से उन्होंने खुद को नाबालिग घोषित किया था, जबकि 2020 के चुनावी हलफनामे में उन्होंने अपनी उम्र 26 साल बताई थी।
प्रशांत किशोर ने कहा कि यह संविधान का मजाक है कि एक हत्या का आरोपी उपमुख्यमंत्री के पद पर है और प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और मुख्यमंत्री के साथ घूम रहा है। उन्होंने कहा कि उसे जेल में होना चाहिए।
प्रशांत किशोर ने बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय पर भी आरोप लगाया कि 2019-2020 के बीच उनकी पत्नी के बैंक खाते में 2.12 करोड़ रुपये जमा हुए, जिसका कोई हिसाब नहीं दिया गया। मंगल पांडेय ने कहा कि उन्होंने दिल्ली में फ्लैट खरीदने के लिए अपने पिता से 25 लाख रुपये उधार लिए थे। किशोर ने सवाल किया कि अगर यह सच है, तो उनकी पत्नी के खाते में 2.12 करोड़ रुपये कहां से आए? अगर यह पैसा वैध था तो इसे 2020 के चुनाव हलफनामे में घोषित क्यों नहीं किया गया?