मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने वृंदावन में एक कार्यक्रम के दौरान एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि जब भगवान राम अयोध्या में मुस्कुरा सकते हैं, तो भगवान कृष्ण के मुस्कुराने में कोई बुराई नहीं है। इस बयान को मथुरा में चल रहे श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद से जोड़कर देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री यादव ने रविवार को वृंदावन के केशव धाम में आयोजित भागवत कथा के समापन समारोह में भाग लिया, जहां उन्होंने कथा सुनी। यह कार्यक्रम कैबिनेट मंत्री राकेश शर्मा द्वारा ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित किया गया था।
इस अवसर पर, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि उन्होंने अयोध्या में रामलला को मुस्कुराते हुए देखा है, तो कृष्ण कन्हैया मुस्कुराएं तो इसमें क्या गलत है? उन्होंने इसे आनंद का स्रोत बताया। अपने संबोधन में, मुख्यमंत्री यादव ने बिना किसी का नाम लिए विपक्ष पर निशाना साधा और कहा कि जो बहरे हैं वो अपने कान ठीक कर लें, जिनकी आंखों में तकलीफ है वो साफ देख लें। उनके इस बयान को श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद से जोड़कर देखा जा रहा है।
इसके अतिरिक्त, मोहन यादव ने वृंदावन में ऑपरेशन सिंदूर में बलिदानियों की सहायता के लिए आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में भाग लिया। उन्होंने घोषणा की कि राज्य सरकार सैनिक कल्याण बोर्ड को 11 लाख रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि शहीदों के परिवारों की मदद करना सरकार की प्राथमिकता है और यह योगदान उनके बलिदान के प्रति श्रद्धांजलि है।
वर्तमान में, इलाहाबाद हाईकोर्ट में श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद मामले की सुनवाई चल रही है। हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद को हटाकर जन्मभूमि की जमीन उन्हें दी जाए, जबकि मुस्लिम पक्ष 1968 के समझौते और 1991 के उपासना स्थल अधिनियम का हवाला देकर मस्जिद की वैधता को साबित करने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, मुख्यमंत्री यादव ने सीधे तौर पर इस मुद्दे का जिक्र नहीं किया।