कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी पर शशि थरूर की हालिया टिप्पणियों से पूरी तरह दूरी बना ली है। पार्टी ने स्पष्ट किया है कि थरूर के बयान उनकी अपनी राय हैं और कांग्रेस पार्टी इससे सहमत नहीं है। कांग्रेस मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, “हमेशा की तरह, डॉ. शशि थरूर स्वयं बोलते हैं और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस उनके नवीनतम बयान से पूरी तरह अलग है।” उन्होंने आगे कहा कि थरूर का कांग्रेस सांसद और कार्यसमिति सदस्य (CWC) के तौर पर ऐसी टिप्पणियां करना कांग्रेस की ‘लोकतांत्रिक और उदार भावना’ को दर्शाता है, जो अनूठी है।
यह बयान आडवाणी के 98वें जन्मदिन पर थरूर की टिप्पणियों के बाद आया है। थरूर ने आडवाणी के साथ अपनी एक तस्वीर साझा करते हुए उन्हें आधुनिक भारत की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला नेता बताया था। इस पर वकील संजय हेगड़े ने आडवाणी की आलोचना की थी, लेकिन थरूर ने जवाब दिया कि भाजपा के वरिष्ठ नेता की विरासत को केवल रथ यात्रा से परिभाषित नहीं किया जा सकता।
आडवाणी, जिन्हें इस वर्ष भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया था, ने रथ यात्रा और राम जन्मभूमि आंदोलन का नेतृत्व किया था, जिसके बारे में कई लोग मानते हैं कि यह 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के लिए जिम्मेदार था। थरूर ने तर्क दिया कि उनके लंबे सेवाकाल को केवल एक घटना तक सीमित करना अनुचित है, चाहे वह कितनी भी महत्वपूर्ण क्यों न हो। उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू के पूरे करियर को चीन की हार से नहीं आंका जा सकता, न ही इंदिरा गांधी के कार्यकाल को केवल आपातकाल से। उन्होंने सुझाव दिया कि आडवाणी के साथ भी यही ‘शिष्टाचार’ बरता जाना चाहिए।






