इन दिनों देश में साइबर ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसमें आम लोगों से लेकर वीआईपी तक शामिल हैं। कर्नाटक के राज्यपाल थावर चंद गहलोत को भी साइबर ठगों ने निशाना बनाने की कोशिश की। ठगों ने केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के नाम पर राज्यपाल को फोन किया। जांच में पता चला कि कॉल फर्जी था। राजभवन के एक अधिकारी की शिकायत पर केंद्रीय साइबर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है और पुलिस मामले की जांच कर रही है।
शनिवार को राज्यपाल थावरचंद गहलोत को एक फोन आया, जिसमें कॉलर ने खुद को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान बताया और काम के सिलसिले में मदद मांगी। संदेह होने पर राज्यपाल ने जांच करवाई, जिससे पता चला कि फोन करने वाला व्यक्ति फर्जी था।
पुलिस जांच में सामने आया है कि यह कॉल कोलकाता से आया था। पुलिस अब कॉल करने वाले की तलाश कर रही है।
साइबर ठग अब नेताओं को भी निशाना बना रहे हैं। हाल ही में, यूपी के सपा सांसद राजीव राय को भी साइबर ठगों ने कॉल किया था, जिसमें उन्होंने मदद की मांग की थी। बाद में पता चला कि कॉल असम से आया था और यह साइबर ठग का था।
बेंगलुरु में अदालत के जजों को भी निशाना बनाया गया है। कुमार कृपा गेस्ट हाउस में कमरा बुक कराने के बहाने पंजाब के एक जज से 12,000 रुपये की ठगी का मामला सामने आया। जज ने 2 सितंबर को गेस्ट हाउस की बुकिंग के बारे में जानकारी मांगी, जिसके बाद उन्हें एक नंबर दिया गया। जज ने उस नंबर पर कॉल करके कमरा बुक करने को कहा, जिसके लिए उनसे 12,000 रुपये मांगे गए। जज ने पैसे दे दिए, लेकिन बाद में पता चला कि उनके नाम पर कोई कमरा बुक नहीं हुआ था।