जब भी आप हवाई जहाज से यात्रा करते हैं, तो आपने अक्सर अपनी टिकटों पर कुछ कोड लिखे हुए देखे होंगे। उदाहरण के लिए, यदि आप दिल्ली से मुंबई की यात्रा कर रहे हैं, तो आपने DEL-BOM (यानी दिल्ली और मुंबई) लिखा देखा होगा। ये अक्षर एक विशेष प्रकार के कोड होते हैं। हम इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे कि ये कोड क्या हैं और उनका क्या अर्थ है। लेकिन, पहले यह जानना ज़रूरी है कि जहाँ आप दिल्ली से मुंबई की उड़ान के लिए BOM कोड देखा करते थे, वहीं अब एक नए कोड की भी एंट्री होने वाली है।
समय के साथ भारत विकास की ओर बढ़ रहा है। मुंबई में, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 30 सितंबर को नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का उद्घाटन करेंगे। इस हवाई अड्डे को NMI कोड दिया गया है। आइए अब हम इन कोड की पूरी कहानी जानते हैं, आखिरकार उनका क्या महत्व है और ये कैसे दिए जाते हैं।
पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन
संभावना है कि नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (NMIA) के पहले चरण का उद्घाटन 30 सितंबर को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। केंद्र सरकार ने हवाई अड्डे के उद्घाटन के लिए कई समय सीमाएँ तय की थीं – 1 जनवरी, 31 जनवरी, 31 मार्च और जून 2025। अंततः, इस साल जुलाई में, मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने हवाई अड्डे की साइट का दौरा किया और 30 सितंबर की अंतिम तिथि तय की।
कोड की कहानी
शायद यात्रा करते समय आपने ध्यान से नहीं देखा होगा, लेकिन आपकी टिकट पर एक कोड लिखा होता है। क्या आपने कभी सोचा है कि इन कोड यानी तीन-चार अक्षरों का मतलब क्या होता है? ये क्यों लिखे जाते हैं? या इन्हें कैसे जारी किया जाता है? सोचिए दुनिया में कितने हवाई अड्डे हैं और सबका अलग-अलग कोड है। चलिए कोड की दिलचस्प कहानी को समझते हैं…
भारत में सभी नागरिकों के लिए आधार कार्ड जेनरेट किया जाता है। आप सभी के आधार कार्ड में एक यूनिक नंबर होता है। एक ऐसा नंबर जो पूरे देश में किसी और आधार कार्ड में नहीं होगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि आपके आधार कार्ड की पहचान अद्वितीय रहे और इसे अन्य लोगों के आधार कार्ड से अलग किया जा सके। हवाई अड्डों के साथ भी ऐसा ही है। दुनिया में कई हवाई अड्डे हैं। भारत में ही कई हवाई अड्डे हैं। इन सभी हवाई अड्डों की पहचान अलग-अलग रहे और आसानी से समझा जा सके, इसलिए अद्वितीय कोड का उपयोग किया जाता है।
ताकि देशों और शहरों के बीच किसी भी तरह की उलझन से बचा जा सके। हवाई अड्डे के कोड यात्रियों को टिकटों, सामान टैग से जुड़े दस्तावेजों पर दिखाई देते हैं। साथ ही हवाई यातायात नियंत्रक और पायलट भी इनका इस्तेमाल करते हैं।
कोड कौन देता है?
ICAO और अंतर्राष्ट्रीय वायु परिवहन संघ (IATA) दो आधिकारिक संगठन हैं जो हवाई अड्डे के कोड जारी करते हैं, लेकिन उनके कोड अलग-अलग होते हैं। दुनिया के हर आधिकारिक हवाई अड्डे को IATA से तीन-अक्षरों वाला कोड जैसे (DEL) और ICAO से चार-अक्षरों वाला कोड दिया जाता है, जैसे दुनिया के सबसे बड़े हवाई अड्डों में से एक, सऊदी अरब का दम्माम/किंग फहद अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा। इसके लिए (ICAO: OEDF, IATA: DMM) कोड का उपयोग किया जाता है।
ICAO कोड, जिन्हें लोकेशन इंडिकेटर भी कहा जाता है, चार-अक्षरों के होते हैं जिनका उपयोग पायलट और एयर ट्रैफिक कंट्रोलर अपने चार्ट, ऑन-बोर्ड सिस्टम और संचार में करते हैं।
IATA कोड, जिन्हें IATA लोकेशन आइडेंटिफ़ायर भी कहा जाता है, तीन-अक्षरों वाले कोड होते हैं जिनका उपयोग हवाई अड्डे की पहचान करने के लिए किया जाता है। दरअसल, IATA हवाई अड्डा कोड अक्सर हवाई अड्डे के शहर के पहले तीन अक्षरों पर आधारित होते हैं। जैसे दिल्ली के लिए DELHI, DEL इस्तेमाल किया जाता है। इसी तरह अहमदाबाद (AMD) का इस्तेमाल किया जाता है।
कोड क्यों दिए जाते हैं?
- पहचान- हर हवाई अड्डे का एक यूनिक कोड होता है, जिससे दुनिया के किसी भी कोने में उसे तुरंत पहचाना जा सके।
- टिकट और बोर्डिंग पास- उड़ान टिकट, बोर्डिंग पास और लगेज टैग पर यह कोड लिखा होता है ताकि यात्री और कर्मचारियों को पता चले कि उड़ान किस हवाई अड्डे से है या कहां जाएगी।
- पायलट और एयर ट्रैफिक कंट्रोल- पायलट और एयर ट्रैफिक कंट्रोलर इन कोड्स का इस्तेमाल चार्ट, सिस्टम और संचार में करते हैं ताकि कोई कन्फ्यूजन न हो।
- अंतर्राष्ट्रीय मानक – पूरी दुनिया में एक ही सिस्टम होने से सभी देशों के हवाई अड्डे आसानी से एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं।
- तेज और आसान जानकारी- छोटे-छोटे कोड पूरे हवाई अड्डे का नाम बताने से आसान होते हैं, जैसे DEL कहना इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, दिल्ली कहने से बहुत छोटा है।
गया एयरपोर्ट कोड विवाद
इन कोड की बड़ी ही दिलचस्प कहानी है। यह कोड बताते हैं कि आप किस हवाई अड्डे से किस हवाई अड्डे तक यात्रा करने वाले हैं। लेकिन, कोड को लेकर देश में एक विवाद भी सामने आया था। बिहार के गया के कोड को लेकर बीजेपी सांसद नाराज नजर आए थे। उन्होंने संसद में इस मामले को उठाया था। दरअसल GAYA का कोड GAY है। वो इस कोड से नाखुश थे।
बीजेपी के नेता भीम सिंह ने सवाल किया था कि क्या यह सच है कि गया अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का कोड ‘GAY’ है, जिसे लोग सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से अपमानजनक और असुविधाजनक मानते हैं। उन्होंने यह भी पूछा कि क्या सरकार कोड नाम ‘GAY’ को बदलकर एक अधिक सम्मानजनक और सांस्कृतिक रूप से उपयुक्त कोड बनाने पर विचार कर रही है। इस सवाल के जवाब में
नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने राज्यसभा में लिखित जवाब में बताया कि हवाई अड्डे को दिए जाने वाले तीन अक्षरों वाले IATA कोड स्थायी माने जाते हैं और इन्हें सिर्फ बेहद खास परिस्थितियों में बदला जाता है, वो भी आमतौर पर एयर सेफ्टी से जुड़े मामलों में ही इन्हें बदला जाता है।
उन्होंने कहा कि ये कोड आमतौर पर उस जगह के नाम के पहले तीन अक्षरों पर आधारित होते हैं जहां हवाई अड्डा मौजूद है।
मंत्री ने यह भी बताया कि गया एयरपोर्ट का कोड बदलने के लिए पहले अनुरोध किए गए थे, लेकिन IATA ने साफ किया कि उसके नियमों (रेज़ोल्यूशन 763) के तहत कोड सिर्फ असाधारण हालात में ही बदले जा सकते हैं।
कुछ हवाई अड्डे के कोड
शहर | हवाई अड्डा | कोड |
मुंबई | छत्रपति शिवाजी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा | BOM |
कोलकाता | नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा | CCU |
चेन्नई | चेन्नई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा | MAA |
दिल्ली | इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा | DEL |
बेंगलुरु | केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा | BLR |
हैदराबाद | राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा | HYD |
अहमदाबाद | सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा | AMD |
जयपुर | जयुपर इंटरनेशनल एयरपोर्ट | JAI |
पटना | जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा | PAT |
श्रीनगर | शेख उल-आलम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा | SXR |