
देहरादून पुलिस ने ऑपरेशन ‘कालनेमी’ के तहत एक बड़ी कार्रवाई करते हुए, भारत में अवैध रूप से रह रही एक बांग्लादेशी महिला को गिरफ्तार किया है। यह महिला जाली भारतीय दस्तावेज और एक हिंदू नाम का इस्तेमाल कर रही थी।
पुलिस के अनुसार, पकड़ी गई महिला की पहचान 28 वर्षीय बाबली बेगम के रूप में हुई है, जो बांग्लादेश के गायबांदा जिले की रहने वाली है। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि वह 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान अवैध रूप से भारत में दाखिल हुई थी। 2021 में वह देहरादून पहुंची और 2022 में उसने देहरादून के एक व्यक्ति से शादी कर ली। इसके बाद उसने ‘भूमि शर्मा’ नाम से फर्जी भारतीय पहचान पत्र बनवाए, जिनमें आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड और वोटर आईडी कार्ड शामिल हैं।
उसके पास से ‘भूमि शर्मा’ के नाम पर जारी किए गए कई जाली दस्तावेज और उसके असली नाम ‘बाबली बेगम’ वाले बांग्लादेशी पहचान पत्र भी बरामद हुए हैं। महिला के खिलाफ जाली दस्तावेज तैयार कर अवैध रूप से भारत में निवास करने के संबंध में मामला दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अब उन लोगों का पता लगा रही है जिन्होंने महिला को फर्जी दस्तावेज बनाने में मदद की।
इस अभियान के तहत, पुलिस ने पटेल नगर क्षेत्र से ही एक अन्य बांग्लादेशी महिला, 41 वर्षीय बॉबी खातून को भी हिरासत में लिया है, जो बांग्लादेश के बोगुरा जिले की रहने वाली है। बॉबी खातून ने बताया कि वह 2023 में अवैध रूप से भारत आई थी और तब से देहरादून में मजदूरी कर रही थी। उसके पास से उसके बांग्लादेशी पासपोर्ट की एक फोटोकॉपी भी मिली है। बॉबी खातून को नियमों के अनुसार बांग्लादेश निर्वासित किया जाएगा।
बता दें कि ऑपरेशन ‘कालनेमी’ के तहत देहरादून जिले में अब तक 17 बांग्लादेशी नागरिकों पर कार्रवाई की जा चुकी है। इनमें से आठ को जाली दस्तावेजों के साथ पकड़ा गया और जेल भेजा गया, जबकि नौ को बांग्लादेश वापस भेजा जा चुका है।



