दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGIA) पर इस सप्ताह हुए एक बड़े सिस्टम क्रैश ने एक गंभीर मुद्दे को उजागर किया है। सूत्रों के अनुसार, कुछ महीने पहले ही भारतीय वायु यातायात नियंत्रकों (Air Traffic Controllers – ATC) ने देश की ऑटोमेशन प्रणालियों में “प्रदर्शन में गिरावट” को लेकर अधिकारियों को आगाह किया था। उन्होंने दिल्ली और मुंबई जैसे प्रमुख हवाई अड्डों पर बार-बार होने वाली धीमी गति और डेटा प्रोसेसिंग में देरी की ओर इशारा किया था।
एटीसी गिल्ड ऑफ इंडिया ने बताया कि दिल्ली हवाई अड्डे के वायु यातायात नियंत्रकों ने जुलाई में ही भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) को चल रही तकनीकी समस्याओं और सिस्टम अपग्रेड की तत्काल आवश्यकता के बारे में सूचित किया था।
नागर विमानन मंत्री ने जमीनी स्थिति की समीक्षा की।
गिल्ड ने जुलाई 2025 में सरकार और विमानन प्राधिकरणों को भेजे गए एक संचार में कहा था, “भारत की प्रणालियों को यूरोकंट्रोल और एफएए जैसे वैश्विक मानकों के अनुरूप होना चाहिए, जो पूर्वानुमानित उपकरण, एआई-सक्षम संघर्ष का पता लगाने और वास्तविक समय डेटा साझा करने पर जोर देते हैं।”
शनिवार को, केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री, राम मोहन नायडू किंजरपू ने दिल्ली हवाई अड्डे के एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) टॉवर का दौरा कर तकनीकी गड़बड़ी के बाद संचालन की समीक्षा की।
मंत्री ने अधिकारियों को विस्तृत मूल कारण विश्लेषण (root-cause analysis) करने और भविष्य के लिए एटीसी नेटवर्क को अधिक मजबूत बनाने हेतु सिस्टम रिडंडेंसी (system redundancy) बढ़ाने का निर्देश दिया।
किंजरपू ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “पिछले दो दिनों में, AAI, ANS और ECIL की टीमों ने यात्री सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए मैनुअल समन्वय के माध्यम से समस्या की पहचान करने और उसे हल करने के लिए अथक प्रयास किया। चूंकि सिस्टम अब पूरी तरह से बहाल हो गए हैं, मैंने अधिकारियों को विस्तृत मूल कारण विश्लेषण करने और भविष्य के लिए हमारे एटीसी नेटवर्क को अधिक लचीला बनाने के लिए सिस्टम रिडंडेंसी को बढ़ाने का निर्देश दिया है।”
शुक्रवार दोपहर को दिल्ली हवाई अड्डे के एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) मैसेजिंग सिस्टम में एक तकनीकी गड़बड़ी हुई थी। यह समस्या शनिवार सुबह तक जारी रही, जिसके कारण 46 उड़ानों में देरी हुई और कई उड़ानें रद्द कर दी गईं।






