
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने बुधवार को ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज 3 के कड़े प्रतिबंधों को वापस ले लिया। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब दिल्ली की वायु गुणवत्ता लगातार 21वें दिन ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई है, जिसका एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 300 के पार दर्ज किया गया।
इस फैसले के बाद अब निर्माण कार्य फिर से शुरू हो सकेंगे और पुराने BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल लाइट मोटर व्हीकल सड़कों पर दौड़ सकेंगे। चिंता की बात यह है कि वायु गुणवत्ता का पूर्वानुमान भी यही बता रहा है कि आने वाले दिनों में AQI ‘बहुत खराब’ श्रेणी में ही रहने की संभावना है, इसके बावजूद यह पाबंदियां हटाई गई हैं।
**सवाल उठते निर्णय पर और विशेषज्ञों की आलोचना**
बुधवार को जब यह घोषणा की गई, तब केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के शाम 4 बजे के बुलेटिन के अनुसार, दिल्ली का 24 घंटे का औसत AQI 327 था। यह पिछले कुछ दिनों की तुलना में मामूली सुधार है, लेकिन अभी भी यह ‘श्वसन संबंधी असुविधा’ पैदा करने वाली श्रेणी में आता है।
CAQM की उप-समिति ने पिछले तीन दिनों में AQI में मामूली सुधार और 21 नवंबर को लागू किए गए नए, अधिक कड़े GRAP ढांचे के कार्यान्वयन को इस निर्णय का कारण बताया है।
हालांकि, इस कदम की वायु प्रदूषण विशेषज्ञों ने कड़ी आलोचना की है। IIT दिल्ली के वायु प्रदूषण विशेषज्ञ मुकेश खरे ने कहा, “AQI 320 और AQI 350 में कोई खास अंतर नहीं है। हम ऐसे थोड़े कम AQI को सामान्य नहीं मान सकते और यह निर्णय अतार्किक लगता है।” खरे ने आगे कहा कि नवंबर, दिसंबर और जनवरी जैसे महत्वपूर्ण महीनों में स्टेज 3 के उपायों को हटाना “बहुत जल्दी और बहुत पहले” है, जबकि कोई महत्वपूर्ण सुधार या बारिश नहीं हुई है। पर्यावरण कार्यकर्ता विमलेंदु झा ने कहा कि CAQM को “भंग कर दिया जाना चाहिए” क्योंकि कई निगरानी स्टेशन अभी भी गंभीर वायु गुणवत्ता दर्ज कर रहे हैं।
**प्रमुख प्रतिबंधों में ढील और जनता पर असर**
स्टेज 3 के प्रतिबंधों में ढील का राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में दैनिक जीवन और आर्थिक गतिविधियों पर तत्काल और महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।
* **निर्माण और वाहन:** गैर-जरूरी निजी निर्माण/विध्वंस पर रोक और BS-III पेट्रोल व BS-IV डीजल हल्के मोटर वाहनों के चलने पर लगी रोक हटा दी गई है।
* **कार्यालय और स्कूल:** अब तक 50% क्षमता पर ‘वर्क फ्रॉम होम’ के लिए मजबूर कार्यालय और हाइब्रिड मोड में संचालित होने वाले स्कूलों के लिए यह नियम शिथिल हो जाएगा। दिल्ली सरकार द्वारा तीन दिन पहले ही घोषित यह ‘वर्क फ्रॉम होम’ नियम, CAQM द्वारा लाए गए संशोधित GRAP का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य प्रदूषण को “अधिक सक्रिय” तरीके से कम करने के लिए आपातकालीन उपायों को आगे बढ़ाना था – जैसा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी सुझाव दिया था।
**सुप्रीम कोर्ट और डेटा की विश्वसनीयता पर चिंता**
CAQM का यह निर्णय वैज्ञानिक डेटा, सार्वजनिक स्वास्थ्य की मांगों और प्रशासनिक कार्रवाई के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाता है। पिछले हफ्ते ही, सुप्रीम कोर्ट ने आयोग को प्रदूषण नियंत्रण उपायों को और सख्त बनाने के लिए “अधिक सक्रिय कार्रवाई” करने के लिए प्रोत्साहित किया था।
* **नागरिकों की मांग:** ईस्ट दिल्ली फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन ज्वाइंट फ्रंट ने बुधवार को ही GRAP के स्टेज 5 और 6 को और सख्त करने की मांग की थी, जिसमें अस्थायी बाजार बंद करने और मुफ्त सार्वजनिक परिवहन की वकालत की गई थी।
* **डेटा की सत्यता:** इस सीजन में गंभीर प्रदूषण वाले घंटों के दौरान स्टेशन डेटा के गायब होने की रिपोर्टों के साथ, दिल्ली के वायु निगरानी नेटवर्क की विश्वसनीयता पर लगातार सवाल उठने से नियंत्रणों की प्रभावशीलता कमजोर हुई है। प्रतिबंधों में ढील देने के बावजूद, CAQM ने सभी लागू करने वाली एजेंसियों को वायु गुणवत्ता को ‘गंभीर’ श्रेणी में वापस जाने से रोकने के लिए स्टेज 1 और स्टेज 2 के तहत की जाने वाली कार्रवाइयों को कड़ाई से बनाए रखने और तेज करने का निर्देश दिया है।






