राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) दिल्ली के लाल किला blast मामले में बड़ी प्रगति की है। पता चला है कि सह-आरोपी मुजम्मिल ने 6.5 लाख रुपये में एक AK-47 राइफल खरीदी थी, जो बाद में एक अन्य आरोपी आदिल की लॉकर से बरामद हुई। NIA की जांच अब एक व्यापक, सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल की ओर बढ़ गई है, जिसके तार कई राज्यों में फैले हुए हैं।

**विदेशी संपर्क और हैंडलर**
जांच के अनुसार, मुजम्मिल को मंसूर हैंडल कर रहा था, जबकि उमर का संपर्क हशीम से था। ये दोनों कथित तौर पर इब्राहिम नामक एक उच्च-स्तरीय ऑपरेटिव के अधीन काम कर रहे थे, जो विभिन्न क्षेत्रों में गतिविधियों का समन्वय कर रहा था।
2022 में, पाकिस्तान स्थित तहरीक-ए-तालिबान (TTP) से जुड़े एक हैंडलर ओकासा के निर्देश पर, मुजम्मिल, आदिल और मुजफ्फर तुर्की गए थे। वे अफगानिस्तान में प्रवेश के लिए एक संपर्क से मिलने वाले थे, लेकिन एक सप्ताह बाद संपर्क के इनकार करने पर योजना विफल हो गई। जांचकर्ताओं ने बताया कि ओकासा के साथ टेलीग्राम आईडी के माध्यम से संपर्क बनाए रखा गया था।
**कट्टरपंथ और सामग्री की खरीद**
अधिकारियों ने खुलासा किया कि उमर ऑनलाइन कट्टरपंथी सामग्री, जिसमें विस्फोटकों से संबंधित सामग्री भी शामिल थी, का सेवन कर रहा था। उसने नूह, भागीरथ पैलेस और फरीदाबाद के NIT मार्केट से विभिन्न घटक खरीदे। सुरक्षा कारणों से, निर्माण विधियों के बारे में कोई तकनीकी विवरण सार्वजनिक नहीं किया गया है।
एक महत्वपूर्ण घटना तब हुई जब छात्रों के सामने विश्वविद्यालय के अंदर उमर और मुजम्मिल के बीच पैसों को लेकर बड़ी लड़ाई हुई। इस झगड़े के बाद, उमर ने अपनी लाल इको कार, जिसमें कथित तौर पर विस्फोटक सामग्री थी, मुजम्मिल को सौंप दी। उमर ने एक डीप फ्रीजर भी खरीदा जिसमें उसने कथित तौर पर रासायनिक पदार्थ जमा किए थे। समूह का इरादा कई स्थानों पर विस्फोटक सामग्री संग्रहीत करना और उन्हें एक साथ detonated करना था।
**NIA की हिरासत में मुख्य आरोपी**
गुरुवार को, पटियाला हाउस कोर्ट ने डॉ. मुजम्मिल गनाई, आदिल राथेर, शाहीन शाहिद और मौलवी इरफान अहमद वागे को 10 दिन की NIA हिरासत में भेज दिया। इन चारों को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बड़े आतंकी मॉड्यूल में कथित भूमिका के लिए गिरफ्तार किया था। NIA ने उत्पादन आदेश जारी होने के बाद श्रीनगर में आरोपियों को हिरासत में लिया और जम्मू-कश्मीर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की राज्य पुलिस इकाइयों के साथ समन्वय कर रही है।
**लाल किला blast का विवरण**
10 नवंबर, 2025 को लाल किला के गेट नंबर 1 के पास एक कार में विस्फोटक उपकरण detonated हो गया था, जिसमें 15 लोग मारे गए थे। गाड़ी डॉ. उमर-उन-नबी चला रहे थे, जिनकी blast में मौत हो गई थी। उन्होंने कथित तौर पर आमिर राशिद अली के नाम पर कार खरीदी थी, जो पहले से ही हिरासत में है। जांचकर्ताओं ने jasir Bilal Wani को भी गिरफ्तार किया, क्योंकि उमर ने उसे आत्मघाती हमलावर के रूप में भर्ती करने का प्रयास किया था। Wani ने इनकार कर दिया लेकिन कथित तौर पर जैश-ए-मोहम्मद ऑपरेटिव्स को तकनीकी सहायता प्रदान की।
**blast से पहले 2,900 किलोग्राम विस्फोटक बरामद**
लाल किला blast से एक दिन पहले, अधिकारियों ने फरीदाबाद में अल-फलाह विश्वविद्यालय से 2,900 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री बरामद की थी, जिससे साजिश का पैमाना पता चला। बरामदगी के बाद जांचकर्ताओं ने समूह को छात्रों और पेशेवरों के भेष में काम करने वाला एक सुशिक्षित आतंकी नेटवर्क बताया।
**NIA द्वारा बड़ी साजिश की जांच**
गृह मंत्रालय ने हमले के तुरंत बाद मामला NIA को सौंप दिया था। एजेंसी अब मॉड्यूल से जुड़े हर हैंडलर, भर्तीकर्ता, फाइनेंसर और सुविधा प्रदाता का पता लगाने के लिए काम कर रही है। अधिकारियों ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय संचार चैनलों, धन के मार्गों और सीमा पार समन्वय में जांच का विस्तार होने पर और गिरफ्तारियां होने की उम्मीद है।






