रविवार शाम दिल्ली की शांति उस वक्त भंग हो गई जब लाल किले के पास एक जोरदार धमाके ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। यह कोई मामूली धमाका नहीं था, बल्कि एक कार बम विस्फोट था जिसने चंद सेकंड में इलाके को तबाही का मंजर बना दिया। तेज आवाज के साथ एक चमकदार रोशनी हुई और फिर आग की लपटों ने आसपास के इलाके को अपनी चपेट में ले लिया। गाड़ियां अचानक रुक गईं, लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे और आसमान काले धुएं के गुबार से ढक गया।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने उस भयानक पल को याद करते हुए बताया, “मैंने एक डिलीवरी वाले को धमाके के वक्त जिंदा जलते देखा। पुलिस ने कई लोगों को ट्रामा सेंटर भेजा है।” आग पर काबू पाने के समय तक, कम से कम आठ लोगों की जान जा चुकी थी और कई अन्य घायल थे। यह विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि इसने आसपास की गाड़ियों को चीर डाला और पूरे शहर में डर का माहौल पैदा कर दिया।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, धमाका एक चलती हुई सफेद हुंडई आई20 कार से हुआ, जो लाल किले के ट्रैफिक सिग्नल पर धीमी हुई थी। फॉरेंसिक टीमों और बम निरोधक दस्ते को कार के ढांचे के टुकड़े और उसका नंबर प्लेट मिला, जो जांच में पहली अहम कड़ी साबित हुई। इस नंबर के आधार पर पुलिस गुरुग्राम पहुंची, जहां यह गाड़ी मोहम्मद सलमान के नाम पर पंजीकृत थी। पुलिस ने फौरन उसे पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया। उसने बताया कि उसने करीब डेढ़ साल पहले यह कार देवेंद्र नाम के एक व्यक्ति को बेची थी, जो दिल्ली के ओखला का रहने वाला है। उसने बिक्री के सभी दस्तावेज भी पुलिस को सौंप दिए।
जांच आगे बढ़ने पर एक और परत सामने आई। देवेंद्र ने बाद में यही आई20 कार हरियाणा के अंबाला के रहने वाले नदीम को बेच दी थी। अंबाला पुलिस भी अब इस मामले की जांच में शामिल हो गई है और नदीम का पता लगाने की कोशिश कर रही है। अधिकारियों का मानना है कि कार का इस्तेमाल करने वालों ने अपना सुराग मिटाने के लिए इसे कई बार बेचा हो सकता है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या यह वाहन अंतरराज्यीय आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा था।
राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) के विशेषज्ञ मौके से मिले रासायनिक नमूनों की जांच कर रहे हैं ताकि विस्फोट में इस्तेमाल किए गए विस्फोटक की प्रकृति का पता लगाया जा सके। शुरुआती संकेत बताते हैं कि यह एक शक्तिशाली इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) था। जांचकर्ता धातु के टुकड़े, जले हुए सामान और टूटे हुए कांच को जोड़कर एक तस्वीर बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन एक सवाल उन्हें लगातार परेशान कर रहा है: कैसे एक आम लोगों के हाथों में रही साधारण सी कार, भारत की राजधानी को हिला देने वाले हथियार में बदल गई?





