
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने दिल्ली के लाल किला इलाके में हुए कार बम विस्फोट मामले में एक और बड़ी सफलता हासिल की है। एजेंसी ने इस आतंकी हमले के सातवें आरोपी को गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया आरोपी सोयब, फरीदाबाद का रहने वाला है और उस पर आरोप है कि उसने आत्मघाती हमलावर उमर उन नबी को हमले से ठीक पहले अपने यहां पनाह दी थी।
NIA के अनुसार, सोयब ने न केवल उमर उन नबी को शरण दी, बल्कि दिल्ली में हुए इस भीषण आतंकी हमले की योजना को अंजाम देने में महत्वपूर्ण लॉजिस्टिक सहायता भी प्रदान की। इस हमले में 13 लोगों की जान चली गई थी और दो दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए थे।
**व्हाइट-कॉलर आतंकी मॉड्यूल का खुलासा**
यह आत्मघाती हमला उमर उन नबी द्वारा विस्फोटक लदे एक i20 कार में पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक इलाके से गुजरते हुए किया गया था, जिसके बाद कार में धमाका हुआ। जांच में सामने आया है कि यह हमला पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद (JeM) समूह के एक ‘व्हाइट-कॉलर आतंकी मॉड्यूल’ द्वारा संचालित किया जा रहा था।
**मृत हमलावर और उसके साथी**
आत्मघाती हमलावर, उमर उन नबी, फरीदाबाद के अल फलाह विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर के पद पर कार्यरत था। सोयब की गिरफ्तारी के साथ ही इस मामले में गिरफ्तार संदिग्धों की संख्या सात हो गई है। इनमें अल फलाह विश्वविद्यालय में उमर के पूर्व सहयोगी शाहीन सईद, मुजम्मिल शकील और अदील राथर भी शामिल हैं।
**बड़ी साजिश का पर्दाफाश**
सूत्रों के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद के इस मॉड्यूल के सदस्य भारत के प्रमुख शहरों में कई आतंकी हमलों की योजना बना रहे थे। NIA इस बहु-राज्यीय जांच को जारी रखे हुए है ताकि आतंकी हमले के पीछे की पूरी साजिश का पर्दाफाश किया जा सके और अन्य सहयोगियों की पहचान की जा सके। एजेंसी का मुख्य ध्यान हमले की योजना बनाने, वित्तपोषण और उसे अंजाम देने में शामिल अन्य व्यक्तियों का पता लगाने पर है।



