राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली गुरुवार की सुबह घने जहरीले स्मॉग की चादर में लिपटी रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार, सुबह 7 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 399 तक पहुंच गया, जिससे दिल्ली ‘बहुत खराब’ श्रेणी में आ गई है। यह बुधवार के 388 के स्तर से मामूली वृद्धि है, जो शहर को जकड़ चुकी खतरनाक वायु गुणवत्ता में कोई राहत न मिलने का संकेत है।

दिल्ली के कई निगरानी स्टेशनों ने ‘गंभीर’ प्रदूषण स्तर दर्ज किया। वज़ीरपुर में AQI खतरनाक स्तर 477 पर था, इसके बाद जहांगीरपुरी 451 और रोहिणी 449 पर रहा। मुंडका (446), अशोक विहार (444), पंजाबी बाग (439), बवाना (438), विवेक विहार (436), डीटीयू (434), नेहरू नगर (431), आरके पुरम (423), आनंद विहार (420), पटपड़गंज (419), चांदनी चौक (418), डीयू नॉर्थ कैंपस (416), बुराड़ी क्रॉसिंग (414), द्वारका सेक्टर 8 (411) और सोनिया विहार (410) जैसे अन्य क्षेत्रों ने भी चिंताजनक रूप से उच्च रीडिंग दर्ज की।
शहर के अधिकांश अन्य हिस्सों में AQI 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रहा। इनमें आईटीओ (400), सीआरआरआई मथुरा रोड (392), नरेला (392), नजफगढ़ (374), मंदिर मार्ग (373), आया नगर (371) और अलीपुर (366) शामिल थे।
**खेल आयोजनों पर रोक की सलाह:**
बिगड़ती वायु गुणवत्ता को देखते हुए, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) ने राज्य सरकारों और दिल्ली सरकार से नवंबर और दिसंबर में निर्धारित शारीरिक खेल प्रतियोगिताओं को स्थगित करने का आग्रह किया है। यह सिफारिश वर्तमान वायु गुणवत्ता के रुझानों और सर्दियों के महीनों में बच्चों के स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव के मूल्यांकन के बाद आई है।
CAQM ने बुधवार को सर्वोच्च न्यायालय के अवलोकन के अनुपालन में एक परामर्श बैठक बुलाई थी। इसमें स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय, एनसीआर राज्य सरकारों, भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों तथा दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। चर्चा का मुख्य केंद्र वायु संकट के बीच बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के उपायों पर था।
**GRAP स्टेज III प्रतिबंध लागू:**
ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (GRAP) का स्टेज III, 11 नवंबर से राष्ट्रीय राजधानी में लागू है। इसके तहत उत्सर्जन को कम करने और वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए निर्माण गतिविधियों, वाहनों की आवाजाही और औद्योगिक संचालन पर सख्त नियंत्रण लागू किए गए हैं।






