केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने डोमेस्टिक टूरिज्म को भारत की सबसे बड़ी ताकत बताया। टीवी9 नेटवर्क ट्रैवल एंड टूरिज्म समिट में बोलते हुए, शेखावत ने कहा कि दुबई, सिंगापुर और थाईलैंड जैसे डेस्टिनेशन इंटरनेशनल टूरिस्टों को आकर्षित करते हैं, लेकिन भारत के घरेलू पर्यटन का आधार उनकी तुलना में काफी बड़ा है। इस समिट में शेखावत के साथ कई प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया।
शेखावत ने कहा कि इस वर्ष भारत आने वाले पर्यटकों की संख्या 2 करोड़ को पार कर गई है, लेकिन जो बात हमें सबसे अलग बनाती है, वह है हमारा विशाल घरेलू पर्यटन बाजार। उन्होंने कहा कि यदि हाल ही में आयोजित कुंभ मेले के आंकड़े जोड़ दिए जाएं, तो यह संख्या 300 करोड़ से अधिक हो जाएगी। शेखावत ने कहा कि भारतीय पर्यटक ही हमारे क्षेत्र में विकास को गति दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कुंभ सिर्फ एक आयोजन नहीं है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक शक्ति का जीवंत उदाहरण है। केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि कोरोना महामारी के बाद पर्यटन क्षेत्र को पुनर्जीवित करने में भारत की सफलता केवल सरकार द्वारा हासिल नहीं की जा सकती थी। यह उद्योग जगत के हितधारकों के सामूहिक प्रयासों से भी संभव हुआ। शेखावत ने कहा कि पर्यटन के माध्यम से भारत न केवल एक आर्थिक शक्ति के रूप में, बल्कि वैश्विक मंच पर एक सांस्कृतिक और आध्यात्मिक नेता के रूप में भी उभरेगा।
इस समिट में मुग्धा सिन्हा, ज्योति मयाल, आईएएस निहारिका राय, केशव मुरारी दास, शिवराज सिंह और श्रीजी हुजूर डॉ. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ जैसी कई जानी-मानी हस्तियों ने भाग लिया। मुग्धा सिन्हा ने कहा कि भारत एक आधुनिक राष्ट्र है और यहां 270 करोड़ से अधिक लोग यात्रा करते हैं, जो दुनिया भर के पर्यटकों की संख्या से दोगुना है। उन्होंने कहा कि हमारे पास 20 लाख होटल कमरे हैं, जिन्हें अगले साल तक बढ़ाकर 30 लाख करने का लक्ष्य है।
ज्योति मयाल ने कहा कि देश को पर्यटन क्षेत्र में निजी भागीदारी की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत का शो विंडो भले ही आकर्षक न हो, लेकिन यहां का सामान अद्भुत है। मयाल ने कहा कि हमारा स्वाद अलग है, जबकि यूरोप में हर जगह भोजन एक जैसा ही होता है। उन्होंने आगे कहा कि भारत समृद्ध है, लेकिन हमें कौशल की आवश्यकता है ताकि वे हमारे देश को प्रदर्शित कर सकें। हम सभी अपने देश के राजदूत हैं।
आध्यात्मिक गुरु केशव मुरारी दास ने कहा कि हमारे पास हिमालय, रेगिस्तान और सागर है। हमारी आध्यात्मिक संस्कृति अत्यंत समृद्ध है। देश में 350 इस्कॉन केंद्र हैं। काशी, तिरुपति मंदिर और कई अन्य मंदिर लोगों को अपनी सहजता से बाहर निकलकर इन आध्यात्मिक स्थलों की यात्रा करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। हम विदेशियों को भी इन मंदिरों में आने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।
शिवराज सिंह ने कहा कि लोग भारत में अपनी खूबियों के कारण आते हैं। केरल, पूर्वोत्तर, लद्दाख, इन सबकी अपनी-अपनी अनूठी विशेषताएं हैं। हमें सभी विदेशी पर्यटन केंद्रों को खोलने की जरूरत है। हमारे पास अच्छा बुनियादी ढांचा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली में फाइव स्टार होटलों की कमी है। इस समिट में रवि नंदन सिन्हा, युम्मी तलवार, अंशुल सेठी, प्रोफेसर डॉ मनोहर सजनानी, चालका गजबाहु और राजदेव भट्टाचार्य जैसे अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार रखे।