उत्तर प्रदेश के आगरा में नकली दवाओं के एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है, जो नकली क्यूआर कोड और फर्जी फर्मों का उपयोग करता था. एसटीएफ और औषधि विभाग की एक संयुक्त टीम ने छापेमारी कर 2.43 करोड़ रुपये की नकली दवाएं जब्त की हैं और एक दवा व्यापारी को गिरफ्तार किया है. यह कार्रवाई फव्वारा क्षेत्र में स्थित बंसल मेडिकल एजेंसी, हेमा मेडिकल स्टोर और चार गोदामों पर की गई. इस रैकेट का सरगना, हिमांशु अग्रवाल, को गिरफ्तार किया गया, जिसने अधिकारियों को रिश्वत देने की कोशिश की थी. पूछताछ में पता चला कि यह गिरोह आगरा के अलावा, नेपाल और बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों में भी नकली दवाएं भेजता था, जिसके लिए हवाला का इस्तेमाल किया जाता था.
जांच में खुलासा हुआ कि नकली दवाओं को असली दिखाने के लिए फर्जी क्यूआर कोड का इस्तेमाल किया जाता था, जिससे असली और नकली दवाओं में अंतर करना मुश्किल हो जाता था. दवाएं तमिलनाडु के चेन्नई से मंगाई जाती थीं, और ये 10 नामी कंपनियों के नाम पर 14 तरह की दवाएं थीं. इस मामले में आगे की जांच के लिए एसटीएफ और ड्रग विभाग ने तमिलनाडु सरकार को भी रिपोर्ट भेजी है. ड्रग कमिश्नर और असिस्टेंट ड्रग कमिश्नर ने बताया कि उन्हें उत्तर प्रदेश में नकली दवाओं के कारोबार की सूचना मिली थी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई. पकड़ी गई दवाओं की पुष्टि सन फार्मा, सनोफी और ग्लेनमार्क जैसी कंपनियों के प्रतिनिधियों ने की, जो इन्हें नकली बताया गया. छापेमारी अभी भी जारी है और अधिकारियों का मानना है कि इस रैकेट से जुड़े अन्य लोगों का भी खुलासा होगा।