
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) ने अमेरिकी सरकार द्वारा भारतीय निर्यात पर 25% टैरिफ और द्वितीयक प्रतिबंधों को लागू करने के फैसले पर चिंता व्यक्त की है। FICCI का मानना है कि ये उपाय अस्थायी होंगे और दोनों देशों के बीच जल्द ही एक स्थायी व्यापार समझौता स्थापित किया जाएगा।
FICCI के अध्यक्ष हर्ष वर्धन अग्रवाल ने अमेरिकी कार्रवाई को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और भारतीय निर्यात पर इसके नकारात्मक प्रभाव की भविष्यवाणी की। उन्होंने उम्मीद जताई कि उच्च टैरिफ एक अल्पकालिक मुद्दा होगा, और निकट भविष्य में एक स्थायी व्यापार समझौते को अंतिम रूप दिया जाएगा।
अग्रवाल ने भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से चली आ रही साझेदारी पर जोर दिया, जो प्रौद्योगिकी, रक्षा, ऊर्जा और उन्नत विनिर्माण जैसे विभिन्न क्षेत्रों में मजबूत सहयोग के माध्यम से मजबूत होती है। उन्होंने वर्तमान विस्तृत चर्चाओं के बाद, व्यापार समझौते के अंतिम रूप दिए जाने पर दोनों राष्ट्रों के लिए सकारात्मक परिणामों की उम्मीद जताई।
भारत इस साल की शुरुआत से ही अमेरिका के साथ एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर सक्रिय रूप से बातचीत कर रहा है। अगस्त के उत्तरार्ध में एक अमेरिकी टीम बीटीए पर आगे चर्चा के लिए भारत आएगी, और FICCI को महत्वपूर्ण प्रगति की उम्मीद है, जिसका लक्ष्य सितंबर-अक्टूबर 2025 तक वार्ता को पूरा करना है।
अमेरिका भारतीय निर्यातकों के लिए एक महत्वपूर्ण बाजार है, और उद्योग एक दीर्घकालिक, स्थायी समझौते की इच्छा रखता है। भारत अमेरिकी व्यवसायों के लिए भी एक महत्वपूर्ण बाजार प्रदान करता है।