महाराष्ट्र के गढ़चिरोली जिले में आज, 14 अक्टूबर को एक बड़ी सफलता हासिल हुई है। सीपीआई/माओवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य मल्लोजुला वेणुगोपाल राव, जिन्हें सोनू के नाम से भी जाना जाता है, ने अपने 60 साथियों के साथ आत्मसमर्पण कर दिया है। यह घटना वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है।
सूत्रों के अनुसार, वेणुगोपाल राव ने सितंबर माह में ही हथियारों को छोड़ने की अपनी मंशा जाहिर करते हुए एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की थी। इसके बाद, उन्होंने छत्तीसगढ़ और अन्य क्षेत्रों से बड़ी संख्या में माओवादी कैडरों का समर्थन हासिल किया, जिन्होंने उनके आत्मसमर्पण के फैसले का साथ दिया।
यह आत्मसमर्पण कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है। यह केंद्र सरकार के गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में और विभिन्न राज्य सरकारों के समन्वय से चलाए जा रहे निरंतर अभियानों का परिणाम है, जिसने नक्सली समूहों को कमजोर करने में मदद की है। अधिकारियों का मानना है कि इस कदम से अन्य कैडरों को भी मुख्यधारा में लौटने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।
गढ़चिरोली, जो लंबे समय से माओवादी गतिविधियों का गढ़ रहा है, में यह आत्मसमर्पण भारत के आंतरिक उग्रवाद से लड़ने के प्रयासों में एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। इस घटना से सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ा है और वामपंथी चरमपंथ से निपटने की उनकी प्रतिबद्धता और मजबूत हुई है।