
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के विधायक अमीनुल इस्लाम को राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत 7 महीने से अधिक समय तक जेल में रखने के बाद तत्काल रिहा करने का आदेश दिया है। यह फैसला गुरुवार को न्यायमूर्ति कल्याण राय सुराणा और न्यायमूर्ति सुरेश मजूमदार की खंडपीठ ने सुनाया। कोर्ट ने इस्लाम की हिरासत को रद्द कर दिया है, जिससे आवश्यक औपचारिकताओं के पूरा होते ही उनकी रिहाई का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
असम की ढींग विधानसभा सीट से निर्वाचित विधायक अमीनुल इस्लाम को इस साल 14 अप्रैल को NSA के तहत गिरफ्तार किया गया था। उनकी गिरफ्तारी कथित तौर पर भड़काऊ और ‘राष्ट्र-विरोधी’ टिप्पणियों के बाद हुई थी, जिसने विभिन्न हलकों में भारी आक्रोश पैदा किया था। यह विवाद तब शुरू हुआ जब इस्लाम ने कथित तौर पर पहलगाम, जम्मू और कश्मीर में हुए आतंकी हमले और 2019 के पुलवामा हमले को एक बड़ी सरकारी साजिश से जोड़ा।
रिपोर्टों के अनुसार, उन्होंने एक निष्पक्ष जांच की मांग की और कथित कवर-अप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह जैसे शीर्ष नेताओं को भी नामजद किया। इन बयानों की कड़ी आलोचना हुई, जिसमें आलोचकों ने उन पर सांप्रदायिक तनाव भड़काने और राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करने का आरोप लगाया।
मामला तब और बिगड़ गया जब सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया, जिसमें कथित तौर पर इस्लाम आपत्तिजनक टिप्पणियां करते और पहलगाम हमले के दोषियों का बचाव करते नजर आए। पुलिस के अनुसार, इस रिकॉर्डिंग को उनके खिलाफ NSA लागू करने के निर्णय के पीछे एक प्रमुख कारण बताया गया।
नागांव के पुलिस अधीक्षक स्वप्ननील डेका ने बाद में पुष्टि की थी कि हिरासत का आदेश इसी कथित फुटेज पर आधारित था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, AIUDF के महासचिव रफीकुल इस्लाम ने एक बयान जारी कर इस्लाम से जुड़े बयानों की निंदा की थी। उन्होंने स्पष्ट किया था कि विधायक ने व्यक्तिगत क्षमता में बात की थी और इन बयानों को ‘अनुपयुक्त’ बताया था, खासकर राष्ट्रीय शोक के संवेदनशील समय के दौरान। हाईकोर्ट के NSA हिरासत को पलटने के आदेश के साथ, इस्लाम की कैद समाप्त हो गई है और आवश्यक कानूनी एवं प्रशासनिक प्रक्रियाओं के बाद उनकी रिहाई की उम्मीद है।





