हरियाणा के पानीपत में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक 7 साल के बच्चे को होमवर्क न करने की सजा के तौर पर एक खिड़की से उल्टा बांधा गया और लटका दिया गया। जट्टल रोड पर स्थित स्कूल के दो परेशान करने वाले वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए हैं। क्लिप में युवा छात्रों के प्रति प्रधानाचार्य और कर्मचारियों की क्रूरता दिखाई गई है।
एक वीडियो में, कक्षा 2 के छात्र को स्कूल के ड्राइवर अजय ने उल्टा लटकाकर पीटा, जबकि दूसरे वीडियो में प्रधानाचार्य रीना बच्चों को बेरहमी से थप्पड़ मारती हुई दिखाई दे रही हैं। 7 साल के लड़के की मां ने कहा कि उसके बेटे को हाल ही में स्कूल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल की प्रधानाचार्य ने बच्चे को दंडित करने के लिए ड्राइवर को बुलाया था।
रिपोर्टों के अनुसार, प्रधानाचार्य ने अपनी कार्रवाई को सही ठहराते हुए दावा किया कि उन्होंने दो बहनों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले छात्र को अनुशासित करने से पहले माता-पिता को सूचित किया था। आमने-सामने होने पर, उन्होंने स्वीकार किया कि उन्होंने 13 अगस्त को युवा लड़के को डांटने के लिए अजय को बुलाया था। प्रधानाचार्य रीना ने आगे कहा कि उसी महीने ड्राइवर को बर्खास्त कर दिया गया था। हालांकि, बच्चे के परिवार ने आरोप लगाया कि वीडियो सामने आने के बाद ड्राइवर ने कुछ लोगों को उनके घर भेजकर उन्हें धमकी दी थी।
मॉडल टाउन पुलिस ने शिकायत मिलने के बाद किशोर न्याय अधिनियम (2015) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। पानीपत मॉडल टाउन पुलिस स्टेशन के थाना प्रभारी (एसएचओ) जगमिंदर ने बताया, “हमने स्कूल की प्रधानाचार्य रीना और बस ड्राइवर अजय के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) अधिनियम की धारा 115 (स्वैच्छिक रूप से चोट पहुंचाना), 127(2) (गलत तरीके से कैद करना), 351(2) (आपराधिक धमकी) और किशोर न्याय अधिनियम की धारा 75 के तहत मामला दर्ज किया है। जांच शुरू कर दी गई है और दोनों को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा।”
यह परेशान करने वाली घटना स्कूल में युवा छात्रों की सुरक्षा पर सवालिया निशान लगाती है और सख्त बाल संरक्षण कानूनों की तत्काल आवश्यकता पर जोर देती है।