देशभर में इन दिनों मौसम की मार जारी है। कई इलाकों में भारी बारिश के कारण तबाही मची हुई है, तो वहीं कई सूखे की मार झेल रहे हैं। बारिश के कारण अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे ज्यादा कहर पंजाब में देखने को मिल रहा है, जहां लगभग 2 हजार गांव पानी में डूब गए हैं। दूसरी ओर, तमिलनाडु जैसे राज्य सूखे की चपेट में हैं।
पिछले एक हफ्ते से मूसलाधार बारिश का दौर जारी है, खासकर उत्तर भारत में भारी तबाही मची है। भारी बारिश के कारण पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन हुए, शहर और ग्रामीण इलाके जलमग्न हो गए। कनेक्टिविटी ठप हो गई है, जिससे कई लोगों की जान चली गई।
उत्तराखंड में बारिश के कारण कई हादसे हुए, जिसमें लगभग 79 लोगों की मौत हो गई और 95 लोग लापता हैं।
पंजाब में 1988 की बाढ़ का रिकॉर्ड भी टूट गया है, 37 लोगों की मौत हो चुकी है और 1655 गांव बाढ़ में डूब गए हैं। 3.5 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।
दिल्ली में यमुना नदी के खतरे के निशान को पार करने के बाद बाढ़ आ गई, जिससे शहर के कई इलाकों में पानी भर गया। उत्तर प्रदेश में भी बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है।
हिमाचल प्रदेश में लैंडस्लाइड और बारिश के कारण 11 लोगों की जान चली गई है। हरियाणा में सड़कों पर पानी भरने से ट्रैफिक जाम लग गया और छत गिरने से छह लोगों की मौत हो गई। जम्मू-कश्मीर में भी बारिश का कहर जारी है, जिसमें माता वैष्णो देवी यात्रा के दौरान लैंडस्लाइड से 34 लोगों की जान चली गई।
जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई है। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और यूपी में औसत से 20-40% ज्यादा बारिश हुई है। तमिलनाडु, बिहार और असम में सामान्य से कम बारिश हुई है, जहां सूखे जैसे हालात हैं।