झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद, दिशोम गुरु शिबू सोरेन के श्राद्ध कर्म की तैयारियां उनके पैतृक गांव नेमरा में जोरों पर हैं। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने स्वयं ई-रिक्शा चलाकर अपने पिता के श्राद्ध कर्म की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। अपने पिता के निधन के बाद से, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पिछले 10 दिनों से नेमरा में रहकर पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार श्राद्ध कर्म कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने पूरे आयोजन स्थल का दौरा किया और हर पंडाल में जाकर व्यवस्थाओं का बारीकी से जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि लोगों के लिए सुरक्षा, स्वच्छता, पेयजल, पार्किंग, टेंट, बैठने की व्यवस्था और शौचालय की पर्याप्त सुविधा सुनिश्चित की जाए। साथ ही यातायात व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
गांव में सजावट और तैयारियों की धूम मची हुई है, जिसमें पार्किंग से लेकर पूजा स्थल तक विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं। लोगों की सुविधा के लिए 300 से अधिक ई-रिक्शा की व्यवस्था की गई है, जो पार्किंग स्थल से आयोजन स्थल तक आवागमन में मदद करेंगे। इसके अलावा, पार्किंग के लिए तीन बड़े स्थल बनाए गए हैं। प्रत्येक पार्किंग स्थल के पास बायो-टॉयलेट की व्यवस्था है। पैदल आने वाले श्रद्धालुओं के लिए छायादार शेड और विश्राम स्थल बनाए गए हैं। भोजन के लिए तीन बड़े पंडालों का निर्माण किया गया है, जहां स्थानीय व्यंजनों के साथ-साथ पारंपरिक प्रसाद भी परोसा जाएगा।
सुरक्षा और यातायात नियंत्रण के लिए पुलिस कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रहेंगे। जिला प्रशासन विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी तरह से तैयार है। श्राद्ध कर्म के अवसर पर गुरुजी के जीवन संघर्ष, राजनीतिक योगदान और आदिवासी समाज के उत्थान में उनकी भूमिका को दर्शाने वाली एक विशेष प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।
4 अगस्त को दिल्ली के अस्पताल में शिबू सोरेन का निधन हो गया था। 16 अगस्त को श्राद्ध भोज का आयोजन होगा, जिसमें लगभग दो लाख लोगों के शामिल होने की उम्मीद है। वीवीआईपी अतिथियों के लिए हेलीपैड बनाए गए हैं।